पंजाब के फिरोजपुर में पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक होने के मुद्दे पर देश के कई नेताओं ने जहां सवाल खड़े किये है तो कई पूर्व अधिकारियों ने राष्ट्रपति को खत लिखकर सक्त कदम उठाने की बात कही है।
पूर्व पीएम देवगौड़ा और सीएम नवीन पटनायक ने उठाया सवाल
देश के पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा ने भी इस घटना को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने लिखा कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि पीएम की सुरक्षा को लेकर विवाद हो रहा है। भारत के सर्वोच्च कार्यकारी पोस्ट की सुरक्षा से समझौता नहीं होना चाहिए, इसको लेकर आत्म संतुष्ट नहीं होना चाहिए। हमें अतीत से सीख लेना चाहिए। इसी तरह उड़ीशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा है कि भारत का प्रधानमंत्री एक संस्था है। हर सरकार का यह कर्तव्य है कि वह पूरी तरह से सुरक्षा प्रदान करे और इस संस्था की गरिमा की रक्षा करे। हमारे लोकतंत्र में इसके विपरीत कुछ भी अस्वीकार्य होना चाहिए और उनकी सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम होना चाहिये। वही कुमार विश्वास ने भी ट्वीट लिखा की ‘’पीएम की सुरक्षा में चूक गंभीर विषय है, राजनीति करने के बजाये जिम्मेदारी तय होना चाहिये।
It is very unfortunate that there is a controversy over the security of the Prime Minister. At no point should we be complacent when it comes to protecting the highest executive office of India. We should learn from the past.
— H D Devegowda (@H_D_Devegowda) January 6, 2022
The Prime Minister of India is an institution. It is the duty of every Government to provide foolproof security and safeguard the dignity of this institution. Anything contrary should be unacceptable in our democracy.
— Naveen Patnaik (@Naveen_Odisha) January 6, 2022
कई पूर्व DGP का राष्ट्रपति को खत
देश के कई पूर्व प्रशासकों ने राष्ट्रपति को खत लिखकर चिंता जाहिर की है। राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखने वाले लोगों में यूपी, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा समेत कई राज्यों के पूर्व डीजीपी एवं अन्य सीनियर अधिकारी भी शामिल हैं। इस चिट्ठी में अधिकारियों ने कहा कि हम पूर्व पुलिस अधिकारी पंजाब में पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में जानबूझकर की गई चूक को लेकर हैरान हैं। अधिकारियों ने लिखा, ‘पीएम नरेंद्र मोदी के पहले से तय दौरे के वक्त जिस तरह से रास्ता रोक दिया गया, वह राज्य सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच मिलीभगत का नतीजा लगता है। इसमें प्रधानमंत्री को नीचा दिखाने और उन्हें नुकसान पहुंचाने की सोच दिखती है।’पूर्व अधिकारियों ने कहा कि इस घटना का जो प्रभाव है और इसके जो राष्ट्रीय एवं अतरराष्ट्रीय स्तर पर परिणाम हो सकते हैं, उसकी चिंता को देखते हुए ही हमने आपको यह पत्र लिखा है। पूर्व पुलिस अफसरों ने कहा कि जिस तरह से देश के प्रधानमंत्री का काफिला 15 से 20 मिनट तक रुका रहा, वह गहरी चिंता की बात है। इससे पता चलता है कि पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब है और यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। पत्र में पूर्व अफसरों ने कहा कि प्रधानमंत्री का दौरा पहले से तय था। उन्हें हुसैनीवाला स्थित शहीद स्मारक जाना था और फिर एक आयोजन को संबोधित करना था, जहां वह 42 हजार करोड़ से ज्यादा की परियोजनाओं का उद्घाटन अथवा शिलान्यास करने वाले थे।
यानी हर तरफ से चूक की बात कही जा रही है, लेकिन इसके बाद भी कुछ लोग ओछी सियासत करते हुए दिखाई दे रहे हैं और बोल रहे हैं कि ये सब सिर्फ एक नाटक है जो देश के पीएम की सुरक्षा में पर्दा डालने वाली बात से कम नही है।