जम्मू-कश्मीर में कुछ समय से जारी गहमागहमी और सैन्य हलचल के बीच घाटी से दिल्ली तक बनी असमंजस की स्थिति अब लगभग खत्म हो गई है। देश के गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अनुच्छेद 370 के सभी खंड को न लागू करने का संकल्प पेश किया। अनुच्छेद 370 में अब सिर्फ खंड 1 रहेगा।
आइए जानते हैं कि आखिर अनुच्छेद 370 हैं क्या:
अनुच्छेद 370
अनुच्छेद 370 में कहा गया है कि रक्षा, विदेशी मामलों, संचार और सहायक मामलों को छोड़कर, संसद को अन्य सभी कानूनों के लिए जम्मू और कश्मीर सरकार की सहमति की आवश्यकता है। राज्य के निवासी अन्य भारतीयों की तुलना में कानूनों के एक अलग समूह के तहत नागरिकता, संपत्ति के स्वामित्व और मौलिक अधिकारों से संबंधित थे। इसके अलावा किसी कानून को लागू करवाने के लिए केंद्र सरकार को राज्य सरकार की मंजूरी चाहिए होती है।
गोपालस्वामी आयंगर ने धारा 306-ए का प्रारूप पेश किया था। और बाद में इसे धारा 370 बना दिया गया। इन अनुच्छेद के तहत जम्मू-कश्मीर को अन्य राज्यों से अलग अधिकार मिले थे ।
धारा 370 की क्या थी बड़ी बातें जो देश के विशेष राज्य कश्मीर में लागू था …
जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती थी ।
जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग होता था ।
जम्मू – कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता था जबकी भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है ।
जम्मू-कश्मीर के अन्दर भारत के राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं होता था।
भारत के उच्चतम न्यायलय के आदेश जम्मू – कश्मीर के अन्दर मान्य नहीं होते थे ।
भारत की संसद को जम्मू – कश्मीर के सम्बन्ध में अत्यंत सीमित क्षेत्र में कानून बना सकती थी।
जम्मू कश्मीर की कोई महिला यदि भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जायेगी। इसके विपरीत यदि वह पकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उसे भी जम्मू – कश्मीर की नागरिकता मिल जायेगी।
धारा 370 की वजह से कश्मीर में RTI लागू नहीं था, RTE लागू नहीं था । CAG लागू नहीं होता। …। भारत का कोई भी कानून लागू नहीं होता।
कश्मीर में महिलाओं पर शरियत कानून लागू होता था ।
कश्मीर में पंचायत के पास अधिकार नहीं था ।
जम्मू-कश्मीर में काम करने वाले चपरासी को आज भी ढाई हजार रूपये ही बतौर वेतन मिल रहे थे।
कश्मीर में अल्पसंख्यको [ हिन्दू- सिख ] को 16 % आरक्षण नहीं मिलता था ।
धारा 370 की वजह से कश्मीर में बाहर के लोग जमीन नहीं खरीद सकते थे ।
धारा 370 की वजह से ही पाकिस्तानियो को भी भारतीय नागरीकता मिल जाता था । इसके लिए पाकिस्तानियो को केवल किसी कश्मीरी लड़की से शादी करनी होती थी ।
आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में क्या-क्या बदल गया है…
– अब देश का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में संपत्ति खरीद पाएगा।
– जम्मू-कश्मीर में अब अलग झंडा नहीं रहेगा। यानी राष्ट्रध्वज तिरंगा रहेगा।
– राज्यपाल का पद खत्म हो जाएगा। इसके साथ ही राज्य की पुलिस केंद्र के अधिकार क्षेत्र में रहेगी।
– जम्मू-कश्मीर में अब दोहरी नागरिकता नहीं होगी।
– भारत का कोई भी नागरिक वहां के वोटर और प्रत्याशी बन सकते हैं।
– जम्मू-कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश होगा।
– जम्मू कश्मीर का हिस्सा रहे लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा।
– जम्मू-कश्मीर में आरटीआई और सीएजी जैसे कानून भी यहां लागू होंगे।
– जम्मू-कश्मीर में देश का कोई भी नागरिक अब नौकरी पा सकता है।

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