विधानसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में अब ममता सरकार और केंद्र के बीच वैक्सीन को लेकर जंग छिड़ गई है। बुधवार को झारग्राम में रैली के दौरान ममता ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार बंगाल को पर्याप्त वैक्सीन नहीं दे रही है। अब केंद्र ने ममता पर पलटवार करते हुए बंगाल को दी गई वैक्सीन का लेखा-जोखा तुरंत दे दिया जिसके बाद दूध का दूध पानी का पानी होता हुआ नजर आ रहा है।
केंद्र सरकार ने ऑकड़े जारी करके दिया जवाब
कोरोना को लेकर मोदी सरकार शुरूआत से ही काफी सजग रही है। इस बात से कोई इंकार नही कर सकता है। इसका प्रमाण भी सरकार ने तुरंत ऑकड़ो के जरिये दिया। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बंगाल में 17 मार्च तक 52 लाख से अधिक वैक्सीन भेजी जा चुकी हैं जिनमें केवल 30.89 लाख वैक्सीन ही इस्तेमाल हो पाई हैं। बंगाल को दोनों वैक्सीन- कोविशील्ड और कोवैक्सीन मुहैया कराई गई है। 17 मार्च के डेटा के अनुसार, चुनावी राज्य को 52.9 लाख वैक्सीन सप्लाइ की जा चुकी है जिसमें से 30.89 लाख वैक्सीन इस्तेमाल हुई हैं। वहीं 22.01 लाख वैक्सीन का बैलेंस राज्य के पास बचा हुआ है जो ये बताता है कि सियासत के इतर मोदी सरकार कोरोना के खात्मे के लिए लगातार हर राज्य के साथ मिलकर काम कर रही है।
देश भर में 7.54 करोड़ वैक्सीन उपलब्ध कराई गई
स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि देश में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए वैक्सीन के डोज की कोई कमी नहीं है। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि केंद्र सरकार सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वैक्सीन की आपूर्ति, उनकी खपत और जरूरत पर नियमित रूप से निगरानी कर रही है। केंद्र सरकार ने अब तक कुल 7.54 करोड़ वैक्सीन की खुराक अलग-अलग राज्यों को उपलब्ध कराई है। वही विदेश की बात करे तो करीब 59 मिलियन डोज विदेश भेजी गई है तो भारत में 37 मिलियन से अधिक टीकीकरण लोगों का हो चुका है जो ये बताता है कि वैक्सीनेशन में सरकार बिलकुल भी कोताही नहीं बरत रही है।
उधर जब कोरोना महामारी से निपटने के लिये मोदी सरकार सभी सीएम के साथ बैठक करते है तो दीदी बैठक से गायब रहती है और जनता के सामने सरकार के लिये झूठी खबर उड़ाती है जिसकी हकीकत सबके सामने खुल जाती है। वैसे भी मोदी सरकार के काम जनता के सामने छुपते नही है क्योकि सरकार के हर काम से आम लोगों को फायदा होता है जिसका प्रचार अपने आप हो जाता है।