जम्मू-कश्मी्र से अनुच्छेद 370 के अहम प्रावधानों को निरस्त करने के भारत के फैसले के बाद जहां पाकिस्तान पूरी तरह से बौखलाया हुआ है, वहीं केंद्र की मोदी सरकार के इस कदम को दुनियाभर से समर्थन मिल रहा है। दुनिया के देशों ने जहां इसे भारत का आंतरिक मसला माना है, वहीं अमेरिकी कांग्रेस के रिब्लिकन सदस्य ओल्स न ने भी अब भारत के इस फैसले को सही ठहराते हुए इस मसले पर भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना समर्थन जताया है।
हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में अमेरिकी सांसद पीट ओल्सन ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की और अनुच्छेद 370 के महत्वपूर्ण प्रावधानों को निरस्ता करने के भारत सरकार के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि इस कदम से क्षेत्र में शांति व समानता स्था्पित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह संविधान का अस्था्ई प्रावधान था, जिसके कारण जम्मू-कश्मीर के लोगों पर भारत के अन्य हिस्सोंं से अलग एक अन्य कानून लागू होता था।
Pete Olson, US Congressman: Earlier this year, the Indian parliament confirmed that article 370's temporary status should end, it ended. It gave the people of Jammu and Kashmir same rights as all Indians. (20.11) https://t.co/RWqbDrvk9X
— ANI (@ANI) November 20, 2019
बता दें कि केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू- और कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म कर दिया था। जिसके बाद से प्रदेश को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजीत कर दिया गया था। उन्हों ने कहा कि भारतीय संसद ने इस अस्थाई प्रावधान को हटाने का फैसला को संसद के दोनों सदनों में समर्थन मिला। इससे जम्मू-कश्मीार में जहां शांति स्थापित करने में मदद मिलेगी, वहीं यह कदम सभी भारतीयों के लिए समान अवसर देने वाला भी है। टेक्सस से अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के रिब्लिकन सदस्य ओल्सदन ने इस मसले पर भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना समर्थन जताया।
गौरतलब है कि बीते सप्ताह अमेरिकी कांग्रेस में भारतीय मूल की लेखिका सुनंदा वशिष्ठ ने भी कश्मीर में मानवाधिकार के मुद्दे पर भारत को कठघरे में खड़ा करने वालों को करारा जवाब दिया था। अमेरिकी कांग्रेस में मानवाधिकारों पर चर्चा के दौरान सुनंदा ने कश्मीरी पंडितों 1990 के दशक में हुए जुल्म व अत्याचार को दुनिया के सामने रखा और कहा कि इस्लामिक स्टेट के खूंखार तौर-तरीकों को पश्चिमी दुनिया आज महसूस कर रही है, पर कश्मीरी पंडित उसी तरह की क्रूरता क्षेत्र में तीन दशक पहले भुगत चुके हैं। उन्हों ने आतंक की कई भयावह घटनाओं का जिक्र किया, जिसे सुनकर लोग हैरान रह गए।