एक बार फिर बेटियों ने बतला दिया कि वह किसी भी मायने में बेटों से कम नही है| कल यूपीएससी ने देश की सबसे बड़ी और कठिन परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया है| और उतीर्ण अभ्यर्थियों में लडकियों ने हमेशा की तरह एक बार फिर परचम लहराया है।
भोपाल की सृष्टि ने महिला अभ्यर्थियों मे पाया पहला स्थान
यूपीएससी टॉपर लिस्ट में पांचवें स्थान पर आई महिला अभ्यर्थी भोपाल की सृष्ठि जयंत देशमुख पेशे से केमिकल इंजिनियर हैं| महिलोओं में सृष्टि पहले स्थान पर रही हैं| उन्होंने पहली बार ही यूपीएससी की परीक्षा दी थी, जिसमें उन्हें देश भर में पाँचवां स्थान मिला है| सृष्टि के पिता जयंत देशमुख भी पेशे से इंजिनियर हैं, वहीँ उनकी माँ सुनीता शिक्षिका हैं|
सृष्टि ने बताया कि उन्होंने बीते साल 2018 में भोपाल के राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया था| बीटेक करने के बाद उन्होंने भोपाल से ही एक साल यूपीएससी की तैयारी की| तैयारी के एक साल बाद ही उन्हें सफलता मिली|
Srushti Jayant Deshmukh: UPSC exam is a long journey where you are committed for 1-1.5 years. My parents, family, friends & teachers supported me, so the credit goes to them. I had decided that my first attempt is my last attempt & I was determined to clear it in one attempt. pic.twitter.com/AwgxbphTZh
— ANI (@ANI) April 5, 2019
एक्सीडेंट में मां की मौत के बाद की तैयारी, पाया 14वां स्थान
यूपीएससी की परीक्षा में रोहतक जिले के कस्बे महम में वार्ड एक निवासी अंकिता चौधरी ने 14वां स्थान पाया है| अंकिता ने दसवीं व बारहवीं की परीक्षा इंडस स्कूल रोहतक से दी थी| उसके बाद हिन्दू कॉलेज दिल्ली से बीएससी पास की, फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही केमेस्ट्री ऑनर्स किया| अंकिता के पिता महम शुगर मिल के अकाउंटेंट हैं| उनकी माता अंजू जेबीटी अध्यापिका थीं, जिनकी चार साल पहले सड़क हादसे में मौत हो गयी थी|
कांस्टेबल की बेटी प्रीटी ने किया कमाल
चंडीगढ़ सेक्टर 19 की रहने वाली प्रीटी यादव ने 466 वीं रैंक हासिल की है| वह चंडीगढ़ पुलिस में हेड कांस्टेबल मुकेश यादव की पुत्री हैं| पिता का सपना था कि बेटी नाम रोशन करे| प्रीटी ने भूगोल विषय से पढाई की थी| कोचिंग भी आईएएस स्टडी सर्किल से हासिल की है| जीसीजी सेक्टर 11 में पढ़ीं प्रीटी कहती है की उन्हें पुरे परिवार का सहयोग मिला| दूसरी बार में यह सफलता हासिल हुई है| मैं रैंक से संतुष्ट हूँ| इसका श्रेय परिवार के अलावा दोस्तों और शिक्षकों को जाता है| सबने सहयोग किया| पिता कहते हैं कि सभी बच्चों ने सरकारी स्कूल में पढाई की है| शुरूआती 15 साल में मैं शास्त्री नगर कॉलोनी में रहता था| टीवी छह महीने पहले ही ख़रीदा है, इससे पहले बच्चों ने टीवी के दर्शन तक नही किए हैं| बेटा दुष्यंत यादव बैंक में आईटी मैनेजर बना है|
4 साल की मेहनत लाई रंग
पंजाब के गिद्दड़बाहा में रहने वाली नुपुर गोयल की ऑल इंडिया रैंक 246 है| उनके पिता होलसेल किराने की दुकान चलाते हैं| नुपुर ने बताया कि यूपीएससी की तैयारी किसी मामले में आसान नहीं कही जा सकती| पिछले 4 सालों से वह तैयारी में जुटी रहीं| रोजाना 7 से 8 घंटे की पढाई की, तब जाकर 246वीं रैंक हासिल हुई| एक लक्ष्य तय करने की जरुरत होती है और फिर ईमानदारी के साथ उसे पाने के लिए प्रयास करना चाहिए, सफलता अवश्य ही मिलती है|
बैंक मैनेजर की बेटी को मिली 505वीं रैंक
पंजाब नेशनल बैंक के सीनियर मैनेजर की बेटी ईशमीत कौर की ऑल इंडिया रैंक 505 है| मोहाली में रहने वालीं ईशमीत फ़िलहाल ईपीएफओ में बतौर अकाउंटेंट कार्यरत हैं| उन्होंने यूआईईटी से इंजीनियरिंग करने के बाद यूपीएसई की परीक्षा में बैठने का फैसला लिया| काम के साथ-साथ पढाई मुश्किल थी, लेकिन फिर भी किसी तरह से मैनेज किया| मेहनत की, सेल्फ स्टडी की और नतीजा आज सभी के सामने है|
रेलवे अफसर बिटिया ने मारी बाज़ी
पंजाब के गुरदासपुर निवासी बिजली विभाग से सेवानिवृत्त एसडीओ जोगिंदर सिंह की बेटी अमृतपाल कौर ने चौथे प्रयास में 44वीं रैंक हासिल की| वह रेलवे में अधिकारी हैं, लेकिन अवकाश लेकर वह तैयार कर रही थीं| राजनितिक विज्ञान व इंटरनेशनल रिलेशन उनके पसंदीदा विषय है| वह कहती हैं कि इंजीनियरिंग की पढाई के दौरान कोचिंग अनिल नरुला से ली थी, उसके बाद सेल्फ स्टडी ने सफलता दिलाई|