नरेंद्र मोदी एक ऐसा प्रधानमंत्री हैं जो इससे पहले कभी न भारत को मिला और न ही शायद मिल पायेगा| आप कहेंगे मैं ऐसा क्यों बोल रहा हूँ? मई के शुरुवात होते ही देश में फानी नामक तूफ़ान ओड़िशा राज्य में आने वाला था| सभी को अनुमान था की पिछली बार यानी सन 1999 से बड़ा तूफ़ान होगा और है भी, उस साल लगभग 10000 लोगों की मृत्यु हो हई थी| लेकिन इस बार मोदी ने पहले से जबरदस्त तैयार कर के रखी थी ऐसा हम नहीं संयुक्त राष्ट्र बोल रहा है और साथ ही नरेंद्र मोदी की तारीफ भी कर रहा है| इस चुनावी समय में भी नरेंद्र मोदी ने सब कुछ छोड़ कर इस मुद्दे को अहम माना और खुद एक हाई लेवल की मीटिंग बैठाई|
मौसम विभाग की ओर से फानी तूफान के बारे में जानकारी मिलने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने तुरंत स्थिति की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय बैठक की और एहतियाती कदम उठाने के आदेश दिए। इन उपायों में पर्याप्त संसाधनों का प्रावधान करना, एनडीआरएफ एवं सशस्त्र बलों की टीमों की तैनाती, प्रभावित लोगों को पेयजल मुहैया कराने की व्यवस्था करना और बिजली एवं दूरसंचार सेवाओं की बहाली से जुड़ी वैकल्पिक प्रणालियों का इंतजाम करना शामिल हैं। फानी से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय बैठक में कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, प्रधानमंत्री के अपर प्रधान सचिव, गृह सचिव और आईएमडी, एनडीआरएफ, एनडीएमए, प्रधानमंत्री कार्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।
आपको बता दें कि तूफ़ान आने से पहले ही लगभग 11 लाख लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचा दिया गया था| उनके खाने पीने का इंतज़ाम केंद्र और राज्य सरकार ने कर दिए था साथ ही नरेंद्र मोदी ने पहले ही 1000 करोड़ की राशि भी दे दी थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तूफान फानी से ओडिशा में मरने वालों की संख्या 8 से 10 है| फानी के कारण ओडिशा के सभी तटीय जिलों में तेज हवाओं के साथ आई भारी बारिश से काफी नुकसान हुआ| तूफान के कारण बहुत सारे पेड़ और सड़कों पर लगे खम्बे उखड़ गए| कई घरों की छत तेज़ आंधी में उड़ गई और कई इलाकों में पानी भर गया| ग्रीष्मकालीन फसलों और बागानों को भी भारी नुकसान पहुंचा है|
अधिकारियों ने बताया कि फोनी तूफान के शुक्रवार को ओडिशा में दस्तक देने के बाद अत्यधिक बारिश होने के साथ ही 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं| ओडिशा में तबाही मचाने के कुछ घंटों बाद फानी ने मध्यरात्रि में पश्चिम बंगाल में प्रवेश किया| इसके कारण वहां भारी बारिश होने लगी और तूफान में पेड़ उखड़ते चले गए| यह पिछले कई दशकों में भारतीय उपमहाद्वीप पर आया सबसे शक्तिशाली तूफान है|
चक्रवाती तूफान फानी से निपटने के भारत के प्रयासों की संयुक्त राष्ट्र ने सराहना की है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि भारतीय मौसम विभाग की सटीक और अचूक भविष्यावाणी से फानी से कम से कम नुकसान हुआ। दुनिया भर की प्राकृतिक आपदाओं पर निगाह रखने वाली संयुक्त राष्ट्र की ‘डिजास्टर रिडक्शन’ एजेंसी यूएन ऑफिस फॉर डिजास्टर रिडक्शन (UNISDR)ने कहा कि भारत के मौसम विभाग ने लगभग अचूक सटीकता के साथ फानी चक्रवात के बारे में जानकारी दी, इसका नतीजा ये हुआ कि सरकारी विभागों को लोगों को फानी के प्रभाव में आने वाले इलाके से निकालने के लिए पूरा वक्त मिला। इसके तहत 10 लाख से ज्यादा लोगों को आपदा राहत केंद्रों में ले जाया गया।
Advisory distributed by @ndmaindia and local authorities days before #CycloneFaniUpdates made landfall in effort to minimize loss if life and injury #GP2019Geneva #ResilienceForAll #CycloneFani pic.twitter.com/5q2w2QBNkS
— UNDRR (@unisdr) May 3, 2019
UNISDR के प्रमुख और डिजास्टर रिस्क रिडक्शन के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि मामी मिजुतोरी ने कहा, “प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भारत द्वारा अपनाया गया जीरो कैजुअलिटी एप्रोच सेनदाई रूपरेखा के क्रियान्वयन में और ऐसी घटनाओं में अधिक जिंदगियां बचाने में बड़ा योगदान है।”