भारत की दो प्रतिभाशाली महिलाओं ने मानवाधिकारों के नाम पर हिंदुओं के साथ किए जा रहे अंतरराष्ट्रीय छल का पर्दाफाश करते हुए अंतर्राष्ट्रीय मंचों से पाकिस्तान को लगाई लताड़ लगाई है। आइये आपको बताते है कि कैसे भारत की महिला शक्ति भारत के खिलाफ दुष्प्रचार का जवाब दे रही है।
भारत ने आतंरिक मामलों पर पाकिस्तान को आड़े हाथ लेते हुए कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के फैलाए झूठे दावों और प्रोपेगैंडा का एक बार फिर मुंहतोड़ जवाब दिया है। भारत ने पाकिस्तान के फर्जी दावों की हवा निकालते हुए पाक के डीएनए में आतंकवाद होने की बात कही। पेरिस में आयोजित यूनेस्को के महासम्मेलन में भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है।
यूनेस्को के महासम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाली अनन्या अग्रवाल ने कहा है कि, ‘पाकिस्तान के व्यवहार के कारण उसकी कमजोर अर्थव्यवस्था, कट्टरपंथी समाज और आतंकवाद के गहरे जड़ से प्रभावित देश में गिरावट आई है।’
अनन्या ने पाकिस्तान को फटकार लगाते हुए कहा कि हम भारत के खिलाफ जहर उगलने और यूनेस्को के मंच का कश्मीर मुद्दे की राजनीतिकरण करने के लिए दुरुपयोग करने के लिए पाकिस्तान की कड़ी निंदा करते हैं। अग्रवाल ने कहा कि पाकिस्तान में अंधकार है। पाकिस्तान, आतंकवाद की सबसे गहरी शक्तियों और कट्टरपंथ का समर्थक रहा है।
यूनेस्को के मंच पर भारत की ओर से जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए अयोध्या मामले पर पाक की टिप्पणी पर अनन्या ने कहा कि हम भारतीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पाक की अवांछित टिप्पणी की निंदा करते है। यह फैसला विधि शासन पर आधारित है।
जानें कौन हैं अनन्या अग्रवाल?
अनन्या अग्रवाल का चयन आईआरएस में साल 2011-12 में हुआ था। अनन्या ने यूपीएससी प्रशासनिक सेवा परीक्षा में 27वीं रैंक हासिल की थी। अनन्या की स्कूली शिक्षा सोफिया स्कूल मेरठ, लॉ मार्टिनियर स्कूल लखनऊ और वेल्हम गर्ल्स स्कूल देहरादून से हुई है। उन्होंने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जोधपुर से लॉ की पांच साल की डिग्री और बीएससी ऑनर्स किया। उनकी मां स्नेहलता अग्रवाल आईएएस अधिकारी रहीं।
एक अन्य अंतर्राष्ट्रीय मंच पर कश्मीरी कॉलमिस्ट, राजनीतिक टिप्पणीकार सुनंदा वशिष्ठ ने अमेरिकी कांग्रेस में जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा की पोल खोलकर रख दी।
टॉम लैंटोस मानवाधिकार आयोग द्वारा बुलाई गई बैठक में सुनंदा वशिष्ठ ने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग रहा है। उन्होंने कहा कि भारत सिर्फ 70 साल पुराना राष्ट्र नहीं है, जिसे आप देखते हैं। भारत 5 हजार साल पुरानी सभ्यता है। भारत के बिना कश्मीर नहीं है। कश्मीर के बिना भारत नहीं है।
जम्मू और कश्मीर पर ज्यादातर चर्चाएं उन अमेरिकी सांसदों द्वारा आयोजित की जा रही है जो पाकिस्तान का पक्ष लेते हैं और जिन्हें कश्मीर के हिंदुओं का दर्द दिखाई नहीं देता लेकिन एक कश्मीरी पंडित ने अमेरिका की इस पक्षपाती पंचायत की पोल पूरी दुनिया के सामने खोल दी है। सुनंदा ने अमेरिकी संसद के द्वारा जम्मू और कश्मीर पर आयोजित की गई एक सुनवाई में हिस्सा लिया। इस दौरान सुनवाई कर रहे पैनल के सामने 7 लोगों ने अपनी गवाही दी। इन सात लोगों में से 6 ने कश्मीर पर भारत सरकार का विरोध किया और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसला का भी विरोध किया लेकिन जब सुनंदा वशिष्ठ की बारी आई तो उन्होंने पैनल को बताया कि कैसे ये पूरी सुनवाई भारत के प्रति दुराग्रह के साथ आयोजित की जा रही है और कोई भी कश्मीर से निकाले गए पंडितों के मानवाधिकारों की बात नहीं कर रहा है।
सुनंदा वशिष्ठ ने पैनल के सामने कश्मीर के उस दौर की चर्चा की, जब कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार किए जा रहे थे। उन्हें मारा जा रहा था, उनके घर जलाए जा रहे थे और उन्हें रातों रात अपना घर-बार छोड़कर कश्मीर से जाने के लिए मजबूर कर दिया गया था। सुनंदा वशिष्ठ ने ज़ोर देकर पूछा कि जब आज से 30 वर्ष पहले इस्लामिक आतंकवाद के नाम पर कश्मीर के हिंदुओं का कत्ल किया जा रहा था…तब मानव-अधिकारों की रक्षा करने वाले मसीहा कहां थे?
सुनंदा ने भी साफ कर दिया कि कश्मीर में जनमत संग्रह का कोई सवाल नहीं उठता क्योंकि जनमत संग्रह कराने के लिए पहले पाकिस्तान को PoK छोड़ना होगा।
कश्मीर पर सुनवाई कर रहे पैनल की अध्यक्षता डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद James McGovern और रिपब्लिकन पार्टी के सांसद Christopher H. Smith कर रहे थे।
जानें कौन हैं सुनंदा वशिष्ठ ?
सुनंदा वशिष्ठ एक कश्मीरी पंडित हैं और सुनवाई के दौरान सुनंदा वशिष्ठ ने कहा कि मेरे पिता कश्मीरी हैं, मेरी मां कश्मीरी हिन्दू हैं और मैं भी एक कश्मीरी हूं। लेकिन उनका घर और उनकी जिंदगी आतंकवाद के कारण बर्बाद हो गई।
सुनंदा वशिष्ठ पत्रकार और भारतीय-अमेरिकी स्तंभकार हैं और उन्होंने भाजपा और पीडीपी ने जब मिलकर जम्मू कश्मीर में सरकार बनाई थी, उस पर भी सुनंदा ने सवाल खड़े किए थे। इस दौरान उन्होंने इसे अप्राकृतिक गठबंधन बताया था और कहा था कि घाटी में जब तक दोनों पार्टियों का गठबंधन रहेगा, संघर्ष और अस्थिरता मौजूद रहेगी।
सुनंदा वशिष्ठ का वक्तव्य सुनकर अभिनेता अनुपम खेर गदगद हो गए। उन्होंने ट्विटर पर सुनंदा का वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि कश्मीर में आतंकवाद का शिकार हुए 4 लाख कश्मीरी हिंदुओं की ओर से बोलने के लिए आपका शुक्रिया। आपने बड़ी गरिमा और सच्चाई के साथ कश्मीरियों की बात रखी।
Thank you @sunandavashisht for speaking on behalf of 400000 #KashmiriHindus who were victims of terrorism in Kashmir. You spoke with great dignity & truth. कभी कभी एक इंसान की पीठ सीधी होने से करोड़ों लोगों की रीढ़ की हड्डी भी सीधी हो सकती है। ? #WorldShouldNotForget pic.twitter.com/h1cg3knLrO
— Anupam Kher (@AnupamPKher) November 15, 2019

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