जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने के बाद यहां अमन-चैन की वापसी हुई है और इसकी गवाही यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या दे रही है। कश्मीर घाटी में इस सर्दी में पर्यटकों की आमद में अचानक इजाफा देखा गया। सिर्फ पिछले दो महीनों में 45000 से अधिक पर्यटक कश्मीर आए हैं। वहीं अप्रैल-मई तक के महीने तक लगभग 80 प्रतिशत बुकिंग है।
जनवरी से लेकर फरवरी तक आए 45 हजार से अधिक पर्यटक
गृह मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के बाद राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पर्यटन के लिए खोलने के निर्देश मिलने के बाद से कश्मीर में पर्यटकों का तांता लगा है। पर्यटन विभाग पर्यटकों की मेजबानी करने के लिए चौबीसों घंटे लगा हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक, इस वर्ष जनवरी से लेकर फरवरी आखिर तक 45 हजार से अधिक पर्यटक पहुंचे हैं। अगर इसकी तुलना पिछले साल से की जाए, तो आंकड़े बताते हैं कि जनवरी 2020 से दिसंबर 2020 तक घाटी में केवल 41,267 पर्यटक ही आए थे, जिसमें अकेले दिसंबर के महीने में घाटी को 13,237 पर्यटक क्रिसमस और नए साल का जश्न मानने आए थे। जानकारो की माने तो लगातार कम हो रही आतंकी घटना के साथ साथ इस बार कश्मीर में हुए बर्फबारी भी एक बड़ी वजह है कि कश्मीर में पर्यटकों को खीच पाया।

इस साल की शुरुआत से ही पर्यटकों का तांता कश्मीर में लगा हुआ है। जनवरी के महीने में 19,102 तो फरवरी में 26,000 पर्यटक घाटी आए। होटल और अन्य पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों के मुताबिक, अप्रैल-मई तक बुकिंग लगभग 80% है, जो संकेत देते हैं कि यह वर्ष कश्मीर के लिए बेहद सुहाना रहेगा। पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग बरसों बाद पर्यटन में हुई इस बढ़ोतरी से बेहद खुश दिख रहे हैं। गौरतलब है कि साल 2012 के बाद पहली बार कश्मीर की दियों को देखने के लिये इतनी बड़ी संख्या में लोगो का हुजूम कश्मीर में आया है। होटल सेक्टर के लोगों कीमाने तो करीब 50 हजार पर्यटक कश्मीर में आ चुके है जो एक बढ़िया सकेत है।
माना जाता है कि पर्यटन कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है और आंतकवाद ने सबसे ज्यादा चोट इस सेक्टर को ही हुआ था लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद से ही कश्मीर के दिन बहुरने लगे है जिसका सबसे बड़ा उदाहरण पर्यटन सेक्टर में आया बूम है।