कोरोना आपदा को लेकर हर तरफ से सिर्फ बुरी खबरे ही सुनाई दे रही होगी लेकिन इस बीच हम आपके लिये कुछ ऐसी खबर भी लाये है जो आपको कोरोना से लड़ने की हिम्मत देगा और ये बतायेगा कि आप अपने इलाके को कैसे कोरोना मुक्त बना सकते है।
हिमाचल की इस गांव को कोरोना नहीं लांघ पा रहा
कोरोना माहामारी हर तरफ अपने पैर पसार रही है लेकिन हिमाचल के ऊना जिले के धर्मशाला महंता पंचायत में ये पैर भी नहीं रख पा रहा है। कारण यहां के लोग है जो कोरोना से निपटने के लिये पूरी तरह से सजग है। सरकार की गाइडलाइन का पूरा पालन किया जा रहा है। जिसके चलते गांव में एक भी व्यक्ति को कोरोना बीमारी नहीं हुई है। करीब 1 हजार से अधिक वाले इस गांव में ऐसा नही है कि कोई घर से नहीं निकलता सभी अपने काम पर जाते है लेकिन समाजि दूरी बनाना हाथ को सैनिटाइज करने का पूरा ध्यान रखा जाता है। इसके साथ दूसरे राज्य से कोई अगर आता है तो उसकी जांच की व्यवस्था कर रखी है जिससे कोरोना का कोई भी खतरा गांव में नही है जो ये साफ दर्शाता है कि अगर हम इससे सावधान रहे तो कोरोना हमारा कुछ नही कर सकता है।
गांव की महिलाओं ने कोरोना के खिलाफ उठाई लाठी
मध्य प्रदेश भी कोरोना से अछूता नहीं है लेकिन बैतूल का एक गांव पहली लहर हो या दूसरी लहर दोनो से बची हुई है। इसके पीछे का कारण है यहां कि महिलाएं जिन्होने लाठी लेकर कोरोना से मोर्चा ले रखा है। चिखलार गांव की महिलाओं ने जनता कर्फ्यू लगा कर हाथों में लाठी लेकर पहरा देना शुरू कर दिया है। उन्होंने पूरे गांव को लॉक कर दिया है। खास बात यह है कि जनता कर्फ्यू लगाने का फैसला गांव की महिलाओं ने खुद लिया। उन्होंने गांव में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। यही नहीं, वे गांव के करीब से गुजरने वाले स्टेट हाईवे पर भी आने-जाने वालों की निगरानी कर रही हैं।महिलाओं ने लाठी लेकर मोर्चा संभालते हुए गांव की सभी सीमाएं बांस के बैरिकेड लगाकर सील कर दी हैं। गांव में किसी भी बाहरी व्यक्ति, अतिथि या मेहमान का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। महिलाएं यहां पूरे दिन चौकीदारी करती हैं। आने-जाने वालों को रोकती हैं और बेवजह घूमने वालों पर लाठियां बरसाने से भी नहीं चूकती। इनकी इसी कोशिश के चलते अभी तक कोई भी कोरोना का केस गांव में नही मिला है।
देश के गांव में कोरोना पहली लहर में हारा था क्योकि गांव के लोगों ने कोरोना को हराने के लिये सामाजिक दूरी के साथ साथ सभी नियम को खुद और अपने साथ वाले को कड़ाई से पालन करवाया इसी का नतीजा है कि आज भी गांव में कोरोना के मामले कम है और आगे कम रहे ऐसी हम सब कामना भी करते है लेकिन इन सब के बीच ये गांव उन लोगों को बहुत बड़ी नसीहत भी दे रहे है जो बिना मतलब के बाहर निकल रहे है शायद इन गांव वालो की बात इनके समझ आये और ये भी नियम माने तो कोरोना अपने आप भी आधा पस्त हो जायेगा और आधा हमारी सरकार उसे पस्त कर देगी जिससे एक बार फिर कोरोना से हम लोगो की जीत होगी।