प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्हाइट हाउस पहुंचते हुए उनका अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पूरा गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। दोनों की बॉन्डिंग देखते ही बनी। बातों-बातों में खूब हंसी-ठिठोली हुई। तो इस बीच में दोनो ने एक साथ मिलकर आगे भी काम करने की बात कही।
हंसी ठिठोली के साथ शुरू होई मोदी और बाइडन की बात
मोदी के व्हाइट हाउस में एंट्री करते ही अमेरिकी राष्ट्रपति खुशी से उछल पड़े। उन्होंने मोदी के दोनों हाथों को अपने हाथों में ले लिया। फिर उन्हें अपनी बाहों में ले लिया। दोनों की बॉन्डिंग सब कुछ कह रही थी। मीटिंग शुरू हुई तो बाइडन ने पीएम मोदी से कहा कि उन्हें जिस कुर्सी पर बैठने के लिए कहा जा रहा है उस पर तकरीबन हर दिन एक भारतीय अमेरिकी महिला बैठती हैं। बाइडन उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की ओर इशारा कर रहे थे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी मां साइंटिस्ट थीं और भारत से शानदार प्रतिभा थीं। दूसरी तरफ पीएम मोदी ने अपने रौबदार अंदाज में अमेरिकी राष्ट्रपति को स्वागत करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ‘मेरा और मेरे प्रतिनिधिमंडल के गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं। पहले भी हमें चर्चा करने का अवसर मिला था और आपने भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों के लिए अपना दृष्टिकोण रखा था। आज आप हमारे संबंधों के अपने विजन को लागू करने के लिए पहल कर रहे हैं।’
दिया बड़ा सम्मान
दोनों की बैठक में कई ऐसे मौके आए जब लोगों को ठहाके लगाने का मौका मिला। बाइडन ने अपने मुंबई दौरे का जिक्र करते हुए अनुभवों को साझा किया। अमेरिकी राष्ट्रपति बोले कि वह भारतीय मूल की एक महिला के साथ शादी करना चाहते थे। इतना ही नहीं उन्होने बोला की अमेरिका में रहने वाले भारतीय हर दिन अमेरिका के विकास के लिए काम करने में लगे हुए है। वही पीएम मोदी ने इस दौरान बोला कि ये दशक टैलेंट का दशक होगा ऐसे में ये सुनकर काफी अच्छा लग रहा है कि प्रवासी भारतीयों के टैलेंट के चलते अमेरिका तेज गति से विकास कर रहा है।
एक-दूसरे का करेंगे पूरा सहयोग
पीएम मोदी ने कहा कि आज का द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन अहम है। हम इस सदी के तीसरे दशक की शुरुआत में मिल रहे हैं। आपका नेतृत्व निश्चित रूप से इस दशक को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारत और अमेरिका के बीच और भी मजबूत दोस्ती के बीज बोए गए हैं। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी एक प्रेरक शक्ति बन रही है। विश्व की भलाई के लिए हमें टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने को अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल करना होगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति और पीएम मोदी की इस बैठक के बाद भारत और अमेरिका के रिश्ते और बेहतर होकर उभरेंगे इस बात से कोई शक नहीं कर सकता है।