देश की सबसे पुरानी पार्टी यूपी चुनाव के चलते अपने आपको देश की सियासत में जिंदा करने के लिये हर रोज नये नये दांव खेलने में लगी हुई है। कभी दलित तो कभी किसान पर सियासत चमकाने के बाद आज वो देश और प्रदेश की बड़ी आबादी महिलाओं को लुभाने की चाल चली है। कांग्रेस ने ऐलान किया है कि वो यूपी में 40 फीसदी अपनी सीट महिलाओं को देगी जिससे वो अपने आपको महिला हितैषी पार्टी बताने में लग चुकी है जबकि अगर इनके इतिहास को खंगाला जाये तो पता चलता है कि पार्टी में महिलाओं को कितना सम्मान मिलता है।
महिला अपमान के अनगिनत किस्से जो पार्टी की हकीकत बताते हैं
अब इसे विडंबना ही तो कहेगे कि जिस पार्टी की अध्यक्ष खुद महिला काफी असरे से रही है उसी पार्टी के चलते संसद में महिलाओं के आरक्षण का बिल पास नहीं हो पाया। हां बस इस बिल पर सर्वसमति का नाटक इस पार्टी ने खूब किया है। इसी पार्टी के बड़े और दिग्गज नेता कई बार महिलाओं को अभ्रद भाषा का प्रयोग करते हुए नजर आये है कभी किसी नेता ने टंच माल बताया तो किसी ने महिला विधायक को आइटम की संज्ञा दी। हद तो तब हो गई जब टिकट के लिये महिला उम्मीदवार से हाथापाई की गई जो ये बताता है कि महिलाओं का सम्मान इस पार्टी में कितना होता है। राजस्थान का भंवरी देवी कांड तो आपको याद होगा कैसे कांग्रेस के सीनियर नेता पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा का इसमें नाम आया था जो महिलाओं के प्रति इनके सम्मान को दिखाती है।
एक सवाल जिसने बोलती की बंद
महिला सम्मान पर एक तरफ तो बड़ी बड़ी बाते की जा रही थी लेकिन जैसे ही एक दुखता हुआ सवाल दागा क्या तो प्रियंका गांधी की बोलती बंद हो गई। उनके साथ बैठे एक नेता ने तो सवाल के बीच में ही रोककर बात को आगे बढा दिया। कारण ये था कि रिपोर्टर ने सवाल खुद उनके विधायक के बेटे पर पूछा था जो रेप के एक मामले में फंसा हुआ है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है ऐसे सवालो को गोदी मीडिया कहकर कई बार कांग्रेस पल्ला झाड़ती रही है जबकि हकीकत में सच का आईना दिखाने पर सच सामने आने लगेगा बस इसी बात से डर का ऐसे सवालो से परहेज किया जाता है।
महिला सम्मान को लेकर जिस तरह से सियासी लाभ लेने की कांग्रेस सोच रही है तो उसको बता दे कि देश की जनता की यादाश्त बहुत तेज है और वो हर बात को याद रखती है और हां हर बात का सही वक्त पर सही जवाब भी देती है।