कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित चीन के वुहान शहर से एटा के डॉक्टर आशीष यादव और उनकी पत्नी नेहा की सकुशल वतन वापसी हो गई है। भारतीय वायुसेना का विशेष विमान उन्हें लेकर आज दिल्ली पहुंचा। भारत आते ही दंपती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया। बता दें वो वहां करीब एक महीने से फ्लैट में फंसे थे। दंपती को अभी एक-दो दिन दिल्ली में ही चिकित्सकों की निगरानी में रखा जाएगा। यदि किसी तरह का संक्रमण नहीं निकलता है तो उन्हें घर भेज दिया जाएगा।
भारतीय वायुसेना के विशेष विमान गुरुवार प्रातः 7 बजे उन्हें दिल्ली के पालम हवाई अड्डे पर लेकर पहुंचा। भारत आते ही दंपती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया और धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके प्रयासों से ही वे चीन से इंडिया वापस आ सके हैं।
वीडियो के माध्यम से लगाई थी गुहार
जलेसर के रहने वाले डॉक्टर आशीष यादव चीन के वुहान स्थित एक विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। वो पत्नी नेहा के साथ वहीं रहते थे, लेकिन कोरोना वायरस के कारण बीते एक माह से फ्लैट में कैद होकर रह गए थे। उन्होंने वीडियो जारी कर मदद मांगी थी।
बता दे की एटा जिले के जलेसर के निवासी आशीष यादव चीन के बुहान टैक्सटाइल यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर हैं और इनकी पत्नी चीन से ही कंप्यूटर साइंस में पीएचडी कर रहीं हैं। जलेसर निवासी आशीष यादव ने बताया कि वह चीन में लंबे समय से रह रहे हैं। कोरोना की वजह से यहां सब लोग दहशत में हैं। लोग अपने घरों में कैद हैं, सड़कों पर सन्नाटा रहता है।
मंगलवार को मिला था भारतीय दूतावास का संदेश
मंगलवार को भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने चीन में फंसे भारतीयों के वॉट्सऐप ग्रुप पर संदेश भेजा था, जिसमें बुधवार को विमान के भारत के लिए उड़ान भरने की उम्मीद जताई थी। संदेश में कहा गया था कि दूतावास के अधिकारी चीन सरकार के संपर्क में हैं और बुधवार को उन्हें विमान के उड़ान भरने की अनुमति मिल सकती है। इस संदेश के बाद एक माह से यूनिवर्सिटी कंपाउंड में बने अपने फ्लैट में कैद होकर रह गए यादव दंपती ने राहत की सांस ली। वे कोरोना के डर के घर से बाहर नहीं निकल पा रहे थे।
भारत आते ही जारी किया वीडियो
भारत आते ही दंपती ने वीडियो जारी कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया। साथ ही जलेसर ग्लोबल फाउंडेशन समेत उन सभी लोगों का आभार जताया, जो उनकी वतन वापसी के लिए लगातार प्रयासरत रहे। दंपती ने कहा कि इन लोगों के प्रयासों से उनकी बात मोदी सरकार तक पहुंची और वो चीन से वापस आ सके हैं।
पूरी दुनिया में फ़ैल रहा कोरोना वायरस
चीन में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 2715 हो गई है और इसके पुष्ट मामलों की संख्या 78,000 से अधिक पहुंच गई है। राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बुधवार को कहा कि विषाणु प्रभावित वुहान शहर की स्थिति ”विकट” बनी हुई है। वहीँ चीन के बाद कोरोना वायरस का खतरा पूरी दुनिया में पसरता जा रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि चीन के बाहर कोरोना वायरस के नये मामले बढ़ते जा रहे हैं। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अधानोम ने जिनेवा में कहा, ”25 फरवरी को पहली बार चीन में जितने मामले सामने आए उससे ज्यादा मामले चीन के बाहर सामने आए।” संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने बताया कि मंगलवार (25 फरवरी) को चीन में 411 नए मामले सामने आए, जबकि देश से बाहर 427 नए मामले आए।
पूरी दुनिया में करीब 81 हजार लोग कोरोना वायरस से पीड़ित हैं। यूरोप में जर्मनी, फ्रांस और स्पेन में इस विषाणु का प्रकोप बढ़ रह है। पश्चिम एशिया में बहरीन, कुवैत और इराक में मामलों में बढ़ोतरी हो रही है।
कोरोना वायरस से ग्लोबल मंदी का खतरा : मूडीज
मूडीज एनालिटिक्स का मानना है कि अगर कोरोना वायरस एक महामारी का रूप लेता है तो वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी के घेरे में आ सकती है। मूडीज एनालिटिक्स के मुख्य अर्थशास्त्री मार्क जैंडी ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार अब इटली और कोरिया में भी हो चुका है। ऐसे में इसके महामारी का रूप लेने की आशंका बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस ने चीन की अर्थव्यवस्था को एक बड़ा झटका दिया है। अब यह पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बन चुका है।
गौरतलब है की कोरोना वायरस का आधिकारिक नाम कोविड-19 है। इसकी शुरुआत दिसंबर, 2019 में चीन के वुहान से हुई थी।

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