गणतंत्र दिवस के मौके पर एक बार फिर हम भारत की ताकतवर तस्वीर की झलक कल देखेंगे लेकिन 26 जनवरी 1950 को औपचारिक रूप से लागू होने के बाद हमारे संविधान में अबतक कितनी बार संशोधन हुआ है? चलिये हम आपको बताते है कि संविधान लागू होने के बाद से अभी तक 104 बार संशोधन हो चुके है। अब तक 126 संविधान संशोधन विधेयक संसद में लाये गये हैं, जिनमें से 104 संविधान संशोधन विधेयक पारित हो चुके हैं। भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है। संविधान को पूर्ण रूप से तैयार करने में 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन का समय लगा था। भाषा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन से लेकर गरीब सवर्णों को आरक्षण देने तक के लिए कई संशोधन इसमें किए गए हैं।
संविधान में पहला संशोधन
इसे संसद में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा 10 मई 1951 को पेश किया गया जिसे 18 जून 1951 को संसद में पास कर दिया गया। संविधान के पहले संशोधन के तहत मौलिक अधिकारों में कुछ परिवर्तन किए गए और भाषण तथा अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार आम आदमी को दिया गया।
संविधान में अंतिम संशोधन
126वां संविधान संशोधन विधेयक 2 दिसंबर 2019 को संसद में लाया गया था। यह भारतीय संविधान का 104वां संसोधन था। इसके तहत भारतीय संविधान के अनुच्छेद 334 में संशोधन किया गया और लोकसभा और विधानसभाओं में अनुसूचित जानतयों एवं जनजानतयों के लिए आरक्षण की अवधि को 10 वर्ष के लिए और बढा दिया गया था। इससे पहले इस आरक्षण की सीमा 25 जनवरी 2020 थी।
इसके अलावा नागरिकता संशोधन विधेयक 2019,सामान्य वर्ग को 10 फीसद आरक्षण, भाषीय आधार पर राज्यों का पुनर्गठन, दल बदल कानून और जीएसटी व्यवस्था लागू करके कई बार इतिहास संसद भवन में रचा गया है। वही आपको यहां ये भी बता दे कि भारत का संविधान को भारत गणराज्य की आत्मा माना जाता है जिसका असर ये है कि भारत में हजारो भाषाएं बोली जाती हो या हजारो धर्म के लोग रहते हो लेकिन भारत का अनेक रंग के बाद भी एक रंग यानी की तिरंगा में रंगा हुआ है जिसका असर साफ तौर पर हर भारतीय के दिल में देखा जाता है।