वर्तमान में पाकिस्तान चीन के अलावा अगर किसी देश को अपना करीबी बताता है तो वह सऊदी अरब है। सऊदी अरब भी आर्थिक संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान को दोनों हाथों से आर्थिक मदद पहुंचाता रहा है लेकिन संयुक्त राष्ट्र में भाषण के बाद पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच दशकों की प्रगाढ़ दोस्ती में दरार पैदा हो गई है । संयुक्त राष्ट्र में जम्मू कश्मीर राग अलाप कर अपनी पीठ थपथपाने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान साउदी क्राउन प्रिंस की रहम से मिले विमान में सवार हो कर न्यूयॉर्क गए थे । पाकिस्तानी मैगजीन फ्राइडे टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की कूटनीति के कुछ पहलुओं को लेकर सऊदी क्राउन प्रिंस नाराज थे । क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान इमरान खान के भाषण से नाराज होने के कारण अपना विमान वापस बुला लिया और फिर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को कमर्शियल विमान से स्वदेश लौटना पड़ा । जबकि उनका न्यूयॉर्क से पाकिस्तान जाने का प्लान भी उसी विमान से था ।
‘फ्राइडे टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र महासभा में जाने से पहले इमरान खान सऊदी अरब गए थे । सऊदी से वो कमर्शियल विमान के जरिए न्यूयॉर्क जाने वाले थे, लेकिन क्राउन प्रिंस ने उन्हें मेहमान के तौर पर न्यूयॉर्क जाने के लिए अपना स्पेशल प्लेन मुहैया कराया था । लेकिन सऊदी प्रिंस की नाराजगी के चलते विमान को वापस बुला लिया गया ।
स्पेशल विमान के वापस बुलाए जाने के बाद पाकिस्तान ने डैमेज कंट्रोल करते हुए तर्क दिया कि विमान में तकनीकी खराबी आ गई थी, जिसके चलते उसे वापस भेज इमरान खान कमर्शियल फ्लाइट से स्वदेश लौटे । जबकि फ्राइडे टाइम्स के मुताबिक ये बिलकुल गलत है । उनका कहना है कि पाकिस्तान से सऊदी प्रिंस की नाराजगी का कारण ईरान से उनकी दोस्ती था।
इमरान खान की ईरान से संबंध मजबूत करने की कवायद और इस्लामिक ब्लॉक का नेतृत्व करने की कोशिशों से क्राउन प्रिंस नाराज हो गए और इसके चलते उन्होंने पाकिस्तानी कूटनीति से खुद को बिलकुल अगल कर लिया और अपना निजी विमान भी वापस बुला लिया। हालांकि दुनिया के सामने बेनकाब होने के बाद पाकिस्तान सरकार ने फ्राइडे टाइम्स की रिपोर्ट को खारिज किया है।
बता दे की संयुक्त राष्ट्र महासभा में इमरान खान ने तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन और मलेशियाई पीएम महातिर से मुलाकात की थी और तीनों नेताओं ने मिलकर मुस्लिम दुनिया की समस्याओं को उठाया बल्कि इस्लामोफोबिया से लड़ने की भी बात कही। संयुक्त राष्ट्र महासभा में खान ने ऐलान किया था कि वह खाड़ी में तनाव घटाने के लिए ईरान के साथ मध्यस्थता करने की कोशिश भी कर रहे हैं। खुद को मुस्लिम दुनिया का संरक्षक कहने वाले सऊदी अरब को इमरान खान की ये बातें अच्छी नहीं लगी ।
वर्तमान में पाकिस्तान और सऊदी अरब दोनों ही मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। रियाद में पिछले महीने ही उसके सबसे बड़े तेल संयंत्र पर हमला हुआ है। इसके बाद ईरान के खिलाफ अधिकतम दबाव की नीति और सऊदी में ज्यादा अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी का रास्ता खुल गया है। दूसरी तरफ, इस्लामाबाद कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने में जुटा हुआ है, जिसमें वह खाड़ी देशों से हस्तक्षेप कराने की असफल कोशिशें कर रहा है।
Image Courtesy: Google

IndiaFirst is about protecting the country’s strategic interests and ensuring robust economic growth.