संसद के मॉनसून सत्र का एक-एक दिन निकलता जा रहा है, लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष में सहमति नहीं बन पा रही है। लगातार सात बैठकों में दोनों सदनों की कार्यवाही नहीं हो पाई है। विपक्षी सांसद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू की अपीलों को लगातार नजरअंदाज करते हुए हंगामा कर रहे हैं और संसदीय परंपरा को हर दिन तार तार कर रहे हैं।
राज्यसभा के बाद लोकसभा में फेंके कागज
राज्यसभा के बाद लोकसभा में भी एक बार फिर विपक्ष संसदीय परंपरा को तार तार किया, दरअसल कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने पेगासस जासूसी कांड और कुछ अन्य मुदों को लेकर लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान खूब शोर-शराबा किया। हालांकि, कार्यवाही नहीं रुकी तो प्रश्नकाल के बाद कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल की ओर कागज उछाल दिए। फिर भी कार्यवाही नहीं रोकी गई तो विपक्ष ने और जोरदार तरीके से हंगामा किया जिसके बाद कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
हंगामे के बीच चला पूरा प्रश्नकाल
हंगामा कितना भी विपक्ष कर रही हो लेकिन इस बीच सत्तापक्ष लगातार सदन में आम जनता के काम पूरे हो इसका ध्यान रख रही है। जिसके चलते लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पूरा प्रश्नकाल चलाया। जिससे ये बोला जा सकता है कि आज कुछ काम तो हुआ। जबकि विपक्ष तो यही चाहता है कि लोकसभा का काम किसी तरह से रोका जा सके। वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने विपक्षी सांसदों के इस रवैये को दुर्भाग्यपूर्ण और सदन की मर्यादा के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने आज मर्यादाओं को तोड़ने का काम किया है। कभी स्पीकर महोदय पर कागज फेंकना, कभी मंत्रीगण पर कागज फेंकना तो कभी तख्ती आगे लेकर आना। पत्रकार गैलरी तक कागज फेंकने और जो अधिकारी वहां पर बैठे हैं, उन पर चढ़-चढ़कर उन्हें दबाना, यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को शर्मसार करने की घटनाएं हैं।
एक तरह से देखा जाये तो विपक्ष कही न कही चर्चा से भागता हुआ नजर आ रहा है तभी सदन में हंगामा कर रहा है औऱ सदन के बाहर चर्चा ना होने की बात करने में जुटा हुआ है। ऐसे में लग यही रहा है कि विपक्ष बहस नहीं सिर्फ हंगामा करना चाहती है।