आप सोच रहे होंगे राफेल भारत आने के बाद आखिर क्या कर रहा होगा। तो आपको बता दें कि दुनिया के ये सबसे घातक हथियार भारत आते ही जंग की तैयारी शुरू कर दी है। फिलहाल वे हिमाचल प्रदेश की बर्फीली वादियों में रात के वक्त अभ्यास कर रहे हैं। पहाड़ों के बीच कठिन रास्तों में उनका यह अभ्यास पूर्वी लद्दाख में चीन और कश्मीर में पाकिस्तान से लड़ाई के हालात में बेहद काम आएगा। यहां हिमालय की चोटियों की टेरेन वहां से काफी हद तक मिलती-जुलती है। ताकी राफेल अपनी Meteor और SCALP मिसाइलों के साथ हमला करने को एकदम तैयार रहे।
राफेल अपनी सिग्नेचर फ्रीक्वेंसी बदल सकने में माहिर
हिमाचल प्रदेश में उड़ान भरते हुए राफेल विमान फिलहाल एलएसी से दूरी बनाकर चल रहे हैं। ऐसा इसलिए ताकि अक्साई चिन में तैनात पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के रडार इनके फ्रीक्वेंसी सिग्नेचर्स की पहचान न कर लें। सबसे खराब स्थिति में चीन इन सिग्नेचर्स का यूज कर जेट्स को जैम कर सकता है। हालांकि मिलिट्री एक्सपर्ट्स के मुताबिक, लद्दाख में भी ट्रेनिंग के लिए राफेल यूज किया जा सकता है क्योंकि इसमें ऐसे सिग्नल प्रोसेसर्स लगे हैं कि जो जरूरत पड़ने पर सिग्नल फ्रीक्वेंसी बदल सकते हैं।
राफेल घातक हथियारों से लैस
भारत में जो राफेल आए हैं, उनके साथ Meteor बियांड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल, MICA मल्टी मिशन एयर-टू-एयर मिसाइल और SCALP डीप-स्ट्राइक क्रूज मिसाइल्स लगी हैं। इससे भारतीय वायुसेना के जांबाजों को हवा और जमीन पर टारगेट्स को उड़ाने की जबर्दस्त क्षमता हासिल हो चुकी है। Meteor मिसाइलें नो-एस्केप जोन के साथ आती हैं यानी इनसे बचा नहीं जा सकता। यह फिलहाल मौजूद मीडियम रेंज की एयर-टू-एयर मिसाइलों से तीन गुना ज्यादा ताकतवर हैं। इस मिसाइल सिस्टम के साथ एक खास रॉकेट मोटर लगा है जो इसे 120 किलोमीटर की रेंज देता है।
चीन के साथ वार्ता के बीच तनाव बरकरार
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध दूर करने के लिए कूटनीतिक और सैन्य बातचीत चल रही है। फिलहाल तीनों सेनाओं का फोकस न सिर्फ LAC के वेस्टर्न सेक्टर, बल्कि बाकी हिस्सों पर भी है। भारत ने साफ कर दिया है कि चीन को देपसांग और पैंगोंग त्सो से पीछे जाना ही होगा, उसके बिना शांति बहाल नहीं हो सकेगी। पिछले हफ्ते सेना प्रमुख ने सेंट्रल और ईस्टर्न आर्मी कमांडर्स से हाईएस्ट अलर्ट पर रहने को कहा था। नेवी भी अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर में लगातार नजर बनाए हुए हैं।
सर्दी के दिन करीब है और सर्दियों में इन इलाको में ड्रैगन कोई हिमाकत न करे इसके लिए अभी से ही राफेल को तैयार कर रही है वायुसेना जिससे बस एक आदेश मिले और चीन पर आग बरसाने के लिए राफेल पहुंच जाये।