प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर वैज्ञानिकों को बधाई दी है। गौरतलब है की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विज्ञान के क्षेत्र में लगातार ऊंचाइयों को छू रहा है। पिछले पांच सालों में मोदी सरकार ने जहां वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा देने के लिए कई ऐतिहासिक फैसले किए, वहीं विज्ञान को आम लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए इस्तेमाल किया। इसमें मोदी सरकार को अप्रत्याशित सफलता मिली है।
प्रधानमंत्री ने अपने बधाई संदेश में कहा, ‘‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हमारे वैज्ञानिकों की प्रतिभा और दृढ़ता का अभिवादन करने का अवसर है। अविष्का्र करने के उनके जोश और पथप्रदर्शक अनुसंधान ने भारत और दुनिया की सहायता की है। मेरी कामना है कि भारतीय वैज्ञानिक लगातार कामयाब होते रहें और हमारे युवा मस्तिष्क विज्ञान के प्रति अधिक जिज्ञासा रखें।
भारत में अनुसंधान और नई खोजों के लिए बेहतर माहौल बनाने के लिए हमारी तरफ से, सरकार अनेक प्रयास कर रही है। इस वर्ष के शुरू में भारतीय विज्ञान कांग्रेस के दौरान मैंने विज्ञान से जुड़े पहलुओं की चर्चा की थी। उन्हें मैं फिर साझा कर रहा हूं।’’
On our part, the Government of India is making numerous efforts to create an even better environment for research and innovation in India. I spoke about aspects relating to science during the Indian Science Congress earlier this year. Sharing it again…https://t.co/DjSl2SrwXB
— Narendra Modi (@narendramodi) February 28, 2020
वहीँ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बायोटेक्नोलोजी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए देश के 34 युवा वैज्ञानकिों को सम्मानित करते हुए उनसे नया भारत के लिए नए समाधान तलाशने की अपील की। उन्होंने युवा वैज्ञानिकों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा की गई ‘नए भारत’ की परिकल्पना को ध्यान में रखकर नए भारत के लिए नए समाधान तलाशने की अपील की।
आज क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय विज्ञान दिवस
बता दे की भारत रत्न प्राप्त महान वैज्ञानिक प्रोफेसर सी. वी. रमन (चंद्रशेखर वेंकटरमन) ने सन् 1928 में आज (28 फरवरी) के दिन एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक खोज की थी, जो ‘रमन प्रभाव’ के रूप में प्रसिद्ध है। इसी खोज की याद में भारत में सन् 1986 से प्रतिवर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (नेशनल साइंस डे) मनाया जाता है। इस कार्य के लिए उनको 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
क्या है ‘रमन प्रभाव’
रमन प्रभाव एक ऐसी घटना है जिसमें प्रकाश की किरण को अणुओं द्वारा हटाए जाने पर वह प्रकाश अपने तरंगदैर्ध्य में परिवर्तित हो जाता है। प्रकाश की किरण जब एक धूल–मुक्त, पारदर्शी रसायनिक मिश्रण से गुजरती है तो घटना (आनेवाली) बीम की दूसरी दिशा में प्रकाश का छोटा सा अंश उभरता है। इस बिखरे हुए प्रकाश का ज्यादातर हिस्से का तरंगदैर्ध्य अपरिवर्तित रहता है। हालांकि, छोटा सा अंश मूल प्रकाश की तरंगदैर्ध्य की तुलना में अलग तरंगदैर्ध्य वाला होता है और उसकी उपस्थिति रमण प्रभाव का परिणाम है।