‘सादा जीवन उच्च विचार’ यह कहावत जीवन की सादगी और मनोबल तथा आचरण में उच्च विचार को बढ़ावा देता है। यह हमें सिखाता है कि जीवन के स्तर में सरलीकृत दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। हमें हर जगह और हर किसी के लिए अपनी पसंद और भौतिकवादी चीजों को प्रदर्शित करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए; बल्कि हमें अपनी नैतिक उच्चता और विचारों की शुद्धता के बारे में अधिक चिंतित होना चाहिए क्योंकि वास्तव में यही मायने रखता है। कुछ यही भाव पीएम मोदी के आचरण में दिखता है तभी तो करीब 100 साल के करीब पहुंचने के बाद भी बिना तामझाम के पीएम मोदी की माँ हीरा बेन मेक इन इंडिया वैक्सीन लगवाने जाते है तो खुद पीएम मोदी भी दिल्ली के एम्स में एक आम आदमी की तरह वैक्सीन करवाते है।
वीआईपी कल्चर से दूर रहकर पीएम मोदी की माँ ने लगवाई वैक्सीन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन को कोरोना टीके का पहला डोज लगवाया। खुद इसकी जानकारी पीएम मोदी ने ट्वीट करके दिया। पीएम ने लिखा की काफी प्रसन्नता हो रही है कि मेरी मां ने आज कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक ले ली है। मैं हर किसी से आपके आसपास के लोगों की मदद करने और उन्हें टीका लगवाने के लिए प्रेरित करने का आग्रह करता हूं, ये पहला मौका नही था जब सादगी के साथ पीएम की मां ने कोई काम किया हो इससे पहले वो एक आम नागरिक की तरहऑटो में बैठकर ही वोट डालने चुनाव के वक्त देखी जाती है। तो नोटबंदी के दौरान भी उन्होने लाइन में लगकर अपने नोट बदलवाकर देश को एक बहुत बड़ा संदेश दिया था कि संयम के साथ अगर कोई काम किया जाये तो वो जरूर पूरा होता है। इतना ही नही मोदी जी की माँ ने कोरोना महामारी के वक्त देश के साथ खड़ी भी दिखी थी जब लोगों ने कोरोना को हराने और कोरोना फाइटर के सम्मान में थाली और दीपक जलाये थे तब उन्होने एक आम नागरिक की तरह ही दीप जलाकर देश को संदेश देने की कोशिश की इस अंधकार को भी हम मिलकर ही उजाले में बदलेंगे।
पीएम मोदी ने भी सादगी के साथ लगवाई थी वैक्सीन
इसी तरह कई मौके आये जब खुद पीएम मोदी भी एक आम आदमी की तरह देशवासियों के बीच में पहुंच जाते है हालांकि सुरक्षा को लेकर वो ज्यादा देर तक ऐसा नही कर पाते है लेकिन स्वतंत्रता दिवस हो या गणतंत्र दिवस हर बार देखा जाता है कि पीएम मोदी लोगों के बीच पहुंचकर उनका अभिवादन स्वीकार करते है इसी तरह जब वैक्सीन लगवाने का नंबर आया तब भी पीएम मोदी ने नियम के मुताबिक दूसरे चरण में जाकर वैक्सीन लगवाई और इस बात का भी ध्यान रखा कि एम्स में आम लोगो को असुविधा न हो इसके लिये बिना पुलिस रूट के वो आम नागरिक की तरह एम्स पहुंचे और वैक्सीन लगवाई।
पीएम मोदी जी की माँ आज भी गांधीनगर में अपने दूसरे बेटे के साथ रहती है और एक आम नागरिक की तरह ही अपना जीवन यापन कर रही है शायद मां के ऐसे संस्कार है तभी तो पीएम मोदी के अंदर भी उसकी झलक दिखाई देती है।