तुम कुछ भी कहते रहो लेकिन देश के प्रधान भारत के हर वर्ग के विकास के लिये तेजी से काम करने में लगे हुए है। खासकर उन लोगों के जीवन स्तर में तेजी से आर्थिक सुधार करने की रणनीति बना रहे है जो आजादी के बाद से मोदी सरकार के आने से पहले तक काफी पीछे हो चुके थे। खासकर देश के किसान जिनकी खुशहाली के लिये मोदी सरकार लगातार काम कर रही है। इसी क्रम में अब केंद्र सरकार ने खाद के दामो में 140 फीसदी की सब्सिडी देने का ऐलान किया है जिसके बाद डीएपी खाद की एक बोरी किसान को 2400 की जगह 1200 रूपये की मिलेगी।
आपदा के वक्त अन्नदाता की जेब का किया बोझ कम
देश के किसानों के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मोदी सरकार ने डाइ अमोनिया फास्फेट यानी DAP पर किसानों को मिलने वाली सब्सिडी में दोगुने से अधिक का इजाफा कर दिया है। जिसके बाद अब 2400 रूपये में मिलने वाली खाद 1200 रूपये में मिलेगी। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले खाद के दाम में इजाफा होने से किसानों ने इसका विरोध किया था। लेकिन सरकार ने इस बाबत बड़ी राहत देते हुए कही न कही किसानों को राहत ही दी है।ऐसा नही है कि किसानों को सिर्फ एक विषय पर ही राहत दी गई हो। सरकार किसानों को लगातार राहत देने के कदम उठा रही है। जैसे महज कुछ दिन पहले ही पीएम मोदी ने देश के 9.5 करोड़ किसानो के खातों में पीएम सम्मान निधि के जरिये करीब 9 हजार करोड़ रूपये दिये तो इस साल आजादी के बाद पहली बार देश में रिकार्ड स्तर पर गेहूं की खरीद की गई है। सरकारी ऑकड़ो की माने तो करीब 384 लाख टन गेहूं सरकार ने किसानो से खरीदा है। जिसका पैसा सीधे किसानो के खातो में गया है। खासकर पंजाब के किसान सरकार के इस फैसले से सबसे ज्यादा फैयदा उठा रहे है क्योकि उनके बीच के बिचौलिये अब खत्म हो गये है।
सरकार किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में बढ़ोतरी के बावजूद हमने उन्हें पुरानी दरों पर ही खाद मुहैया कराने का निर्णय लिया है। आज के फैसले के बाद DAP खाद का एक बैग 2400 रु की जगह 1200 रु में ही मिलेगा।https://t.co/cjJcqUsgEG
— Narendra Modi (@narendramodi) May 19, 2021
किसानो के हित में हुए फैसलो पर भी सियासत
आज के दौर में कुछ हालात ऐसे बन रहे है कि मोदी सरकार आम लोगों के हित में कोई भी फैसला लेती है तो कुछ लोग उसमें ना-नुकुर निकालकर भ्रम फैलाने के लिये निकल पड़ते है किसानों के हित में लिये गये फैसलो पर भी कुच यही माहौल बन रहा है जैसे पहले किसान बिल पर सिर्फ एक दूसरे को देखकर विरोध कर रहे थे ऐसे ही अब खाद पर मिली सब्सिडी पर सियासत शुरू हो गई है। हालांकि आम किसान से जब सरकार के फैसले की बात करो तो वो इसे लाभ का सौदा ही बता रहा है। जबकि कुछ लोग उनको गुमराह करने के लिए अभी से देश के भोलेभाले किसानों के कान भरने लगे है।
केंद्र सरकार का ये फैसला उस वक्त आया है जब देश में कोरोना आपदा का माहौल बना हुआ है। और इसका असर हर इंसान के आर्थिक हालात पर पड़ रहा है। ऐसे में किसानों को सरकार की ये सब्सिडी किसी वरदान से कम साबित नही होगी क्योकि किसानों की जेब पहले से कम ढ़ीली होगी जिससे उनकी आमदनी तेजी से बढ़ेगी।