एक जमाना था जब लालकिले की प्रचीर से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश के पीएम देशवासियों के लिये सौगातों की पोटली खोलते थे। हालांकि वो योजना कब तक शुरू होती थी इसका पता ही नहीं चलता था। हां, 15 अगस्त जरूर दोबारा आ जाता था। लेकिन पिछले 7 सालों में इसमें भी बहुत बड़ा बदलाव हुआ है जिसके चलते पीएम इधर घोषणा करते है और उधर काम होना शुरू हो जाता है। जैसा कि वंदे भारत ट्रेन के मामले में सामने आया है। क्या है पूरा माजरा आइये हम आपको बताते है।
पीएम मोदी ने 75 वंदे भारत ट्रेनो का किया ऐलान 58 की निविदा हुई जारी
पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर घोषणा की थी कि देश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने के लिए ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के 75 सप्ताह में 75 ट्रेनें शुरू की जाएंगी, जिसके बाद रेलवे ने 58 वंदे भारत ट्रेनों के लिए एक निविदा जारी कर दी है। वर्तमान में, इस तरह की शताब्दी-श्रेणी की केवल दो सेमी हाईस्पीड ट्रेनों का संचालन हो रहा है। नए डिब्बों का निर्माण इंटीग्रल कोच फैक्टरी, चेन्नई, मॉडर्न कोच फैक्टरी, रायबरेली और रेल कोच फैक्टरी, कपूरथला में किया जाएगा। निविदा की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर है। निविदा पूर्व बैठक 21 सितंबर को आयोजित की जाएगी, जिसमें निविदा से पहले के सवाल जमा करने की कट-ऑफ तारीख 14 सितंबर होगी। गौरतलब है कि इससे पहले पीएम मोदी ने लालकिले से ही जनधन योजना का ऐलान किया था। जिसे उस वक्त भी कुछ दिनों बाद ही शुरू कर दिया गया था। जिसके चलते आज इन खातो से करीब 43 करोड़ परिवारों से ज्यादा लोग जुड़ चुके है और वो बैंकिंग सुविधा का फायदा उठा रहे है।
अटकाना और लटकाने का वक्त गया
पिछले 7 सालो में अगर नजर डाले तो अगर मोदी सरकार ने किसी योजना का ऐलान किया है तो उसे अमलीजामा पहनाने में कोई कोताही नही की है फिर वो कोई भी योजना क्यों ना हो। खास बात तो ये है कि कोरोना जैसे संकट के बावजूद भी देश के विकास के लिये तेजी से काम किया जाता रहा है जिसका असर ये हुआ है कि तय समय पर परियोजना पूरी हो रही है। फिर वो चीन सीमा से सटे ब्रिज और सड़के हो या फिर देश के गांवो में नल से जल पहुंचाना हो, हर दिन एक नया मुकाम सरकार हासिल कर रही है। दूसरी तरफ पीएम मोदी उन अधिकारियों के खिलाफ सख्त भी है जो विकास के कामो में देर सबेर करने में लगे रहते है। खुद पीएम मोदी ने ऐसे लोगो के खिलाफ डोजियर बनाने का आदेश दिया है यानी विकास कामो को लेकर सरकार किसी तरह की कोताही बर्दाशत करने के मूड में नहीं है।
बस यही तो बदलाव है जो बीते सात साल में मोदी सरकार को दूसरी सरकार से अलग बनाती है और ये बताती है कि जो मोदी सरकार वादा करती है उसे पूरा भी करती है।