पीएम नरेंद्र मोदी हर अवसर पर अभी भी कोरोना को लेकर देशवासियों को सावधान करने में जुटे हैं लेकिन देशवासियों के बीच में कोरोना वायरस को लेकर पहले जैसी बात नही रही है। जैसे ही कोरोना के मामले कम होते हैं, वैसे ही हम ये मान लेते हैं कि अब स्थिति सामान्य हो गई है, जबकि ऐसा होता नहीं है बस मामले कम हो जाते है लेकिन इस बीच केरल से आई रिपोर्ट ने सरकार के माथे पर पसीना ला दिया है जहां कोविड का जबरदस्त विस्फोट हुआ है।
केरल की एक भूल से कोरोना की तीसरी लहर का बढ़ा खतरा
जिस तरह के आंकड़े कोरोना को लेकर केरल से आ रहे हैं वो चिंता के सबब बन रहे हैं और इसके पीछे की वजह है वहां कि सरकार जिसने एक वर्ग के वोट के लिये जिस तरह से लॉकडाउन में ढ़ील दी उसके चलते आज देश भर के मामलों में 50 फीसदी मामले केरल से है। केरल की बात करें तो यहां करीब 22 हजार से अधिक मामले 28 जुलाई को आये हैं जो ये बता रहे हैं कि केरल सरकार की एक चूक देश को कितना बड़ा झटका लगा सकता है और ये हुआ है 27 फीसदी मुस्लिम वोट को खुश करने के लिये समूचे देश के लोगों को खतरे में डाल दिया है।
देश में 34.4 करोड़ लोगों को कम से कम पहली डोज लगी
देश में कोरोना वैक्सीनेशन को शुरू हुए छह महीने से अधिक समय निकल चुका है। इस बीच, स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार अब तक 100 करोड़ कोरोना वैक्सीन का ऑर्डर दे चुकी है। अभी 16 जुलाई को ही सरकार ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन की 66 करोड़ डोज का ऑर्डर दिया है वहीं यूपी में अभी तक सबसे ज्यादा वैक्सीन लगाई गई है। यूपी एक मात्र राज्य है जहां 4.5 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई गई है। जो ये बता रहा है कि कोरोना को लेकर यूपी सरकार कितनी संवेदनशील है और दूसरी तरफ केरल की सरकार कितनी असंवेदनशील है।
देश से अभी कोरोना नहीं गया है और ये बात लगातार खुद पीएम मोदी बोलते आ रहे हैं ऐसे में ऐसी लापरवाही जरूर कहीं न कहीं देश को खतरे में डाल सकती है इसलिये सभी से हाथ जोड़कर विनती है कि वो इस तरह की सियासत ना करें जिससे देश खतरे में पड़ जाये और देशवासियों को तीसरी लहर से दो चार होना पड़े।