मॉनसून सत्र खत्म हो चुका है लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सियासी दंगल अभी भी जारी है और ऐसा दंगल जिसके चलते भारतीय लोकतंत्र की मर्यादा तार तार हो रही है। राज्यसभा में आप ने खुद देखा है कि कैसे बेल में विपक्ष ने उत्पात मचाया है।
विपक्ष का असल चेहरा सामने आया
मॉनसून सत्र की शुरूआत से ही विपक्ष का रूख पता चलने लगा था। हर दिन सिर्फ हंगामा करके संसद को स्थगित करवाना विपक्ष का काम बन गया था। इस बीच विपक्ष ने दो बार मंत्री के साथ हाथापाई की तो मंत्री के हाथ से लेकर बिल को फाड़ कर सदन में उड़ाया लेकिन हद तो तब हो गई जब संसद के आखरी दिन राज्यसभा के वेल में विपक्ष के सांसदों ने मार्शल के साथ गलत व्यवहार किया। मोदी सरकार से मिल रही लगातार हार के बाद विपक्ष इतना तिलमिला चुकी है। सदन में की गई हरकत के बाद सड़क पर प्रदर्शन करते हुए यू तो सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष को दबा रही है लेकिन जब सरकार ने विडियो पेश किया तो हकीकत खुल के सामने आ गई कि कौन लोकतंत्र की मर्यादा को तार तार कर रहा है।
सरकार का विपक्ष पर पलट वार
राज्य सभा में सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प को लेकर केंद्र सरकार और विपक्ष आमने सामने आ गए हैं। विपक्ष के आरोपों के बाद अब आठ केंद्रीय मंत्रियों ने एक साथ विपक्ष पर पलटवार किया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि देश की जनता इंतजार करती है कि उनसे जुड़े हुए विषयों को सदन में उठाया जाए, वहीं विपक्ष का सड़क से संसद तक एकमात्र एजेंडा सिर्फ अराजकता रहा। घड़ियाली आंसू बहाने की बजाए इनको देश से माफी मांगनी चाहिए। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि विपक्ष ने पहले से ये तय कर लिया था कि हम इस बार संसद नहीं चलने देंगे। उन्होंने मंत्रियों का परिचय नहीं होने दिया, उन्होंने महत्वपूर्ण बिलों पर भी चर्चा नहीं होने दी। उन्होंने कहा कि साढ़े सात साल बाद भी वो जनादेश स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। खासकर कुछ लोगो को ऐसा लगता है कि ये हमारी सीट थी और इसे मोदी जी ने आकर छीन लिया। उनकी इसी मानसिकता की वजह से ऐसी चीजें हो रही हैं।
फिलहाल ये रस्साकशी अभी खत्म होने वाली नहीं है क्योकि मुद्दा विहीन विपक्ष हंगामा मचाकर ही मुद्दा बनाना चाहती है जिसे सत्तापक्ष पूरा होने नही देगी।