प्रधानमंत्री मोदी के करीबी मित्र, राजनीतिक सहायक, सलाहकार एवं वर्तमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश के प्रतिष्ठित अखबार, “टाइम्स ऑफ़ इंडिया” के सम्पादकीय में लिखे लेख में कहा कि, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अब तक के सबसे दृढ़ इच्छाशक्ति वाले प्रधानमंत्री हैं|”
अपने गुणों के कारण मोदी देश के बाकी प्रधानमंत्रियों से अलग है
टाइम्स ऑफ़ इंडिया के अपने लेख में अमित शाह ने कहा कि, “आज़ादी के बाद से देश ने अब तक 17 लोक सभा चुनाव, 22 सरकारें, और 15 प्रधानमंत्री देखे हैं| सभी सरकारों और प्रधानमंत्रियों का आज के भारत के निर्माण में योगदान है| लेकिन ऐसे बहुत कम उदाहरण हैं जिस से की भारत का एक देश के तौर पर लम्बे समय तक सकारात्मक असर हुआ हो|
कांग्रेस के 55 साल के शासन को आड़े हाथों लिया गृह मंत्री ने
शाह ने अपने लेख में लिखा है कि आजाद भारत के अब तक के इतिहास में कांग्रेस ने 55 साल तक शासन किया जिसमें से आठ बार इस पार्टी को पूर्ण बहुमत की सरकार मिली| लेकिन फिर भी ऐसे 10 फैसलों का उदाहरण नहीं हैं जिस से की देश में लम्बे समय का कोई क्रन्तिकारी परिवर्तन आया हो| बाजपेयी सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए लेकिन सदन में संख्या बल में कम होने के चलते ऐसे फैसले अपने अंतिम स्वरुप तक पहुँच नहीं पाए|
2014 से शुरुआत हुई सकारात्मक बदलाव की
शाह ने कहा, ‘साल 2014 के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने बदलाव का मतलब ही बदल दिया। पिछले 63 महीनों में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से न सिर्फ आम आदमी के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है, बल्कि इनसे देश को भी आगे ले जाने में मदद मिली।
इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी, जीएसटी, तीन तलाक बिल को खत्म करना, आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक करना, वन रैंक वन पेंशन, डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद बनाना, यूएपीए संशोधन बिल पास कराना, और ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने जैसे कई ऐसे असंभव और विवादस्पद फैसले लिए जिनसे देश के पुनर्निर्माण की दिशा तय होती है|
तुष्टिकरण की राजनीति के चलते कश्मीर पर फैसला नहीं लिया गया
कश्मीर और आर्टिकल 370 के मसले पर अमित शाह ने लिखा की, “एक खास वर्ग के तुष्टिकरण और राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी की वजह से किसी अन्य प्रधानमंत्री ने आर्टिकल 370 और 35 A से देश को निजात दिलाने की हिम्मत नहीं की|
लेकिन एक देश, एक संविधान की दिशा में आगे बढ़ते हुए कश्मीर की समस्या का सम्पूर्ण हल निकालने का फैसला करना प्रधानमंत्री मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति और राजनीतिक शासन कला का उदाहरण ही नहीं है, बल्कि ये जम्मू और कश्मीर को विकास ने नए युग पर ले जाने की शुरुआत भी है|
गृहमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी के पिछले और वर्तमान कार्यकाल के दौरान लिए गए फैसलों का उदाहरण देते हुए स्पष्ट किया कि किस तरह से पिछले सरकारों और वर्तमान की मोदी सरकार के बीच अंतर साफ़ झलकता है| जहाँ पूर्व की सरकारों का फैसला लेके के पीछे प्राथमिक ध्येय सत्ता में बने रहना होता था, वहीँ मोदी सरकार का लक्ष्य वैसे बदलाव की तरफ है जिस से देश का सतत विकास और पुनर्निर्माण हो, भले ही ऐसे फैसले वर्तमान में जनमानस को अच्छे न लगें|
अंत में शाह ने लिखा कि 2019 में मोदी को मिले प्रचंड बहुमत और प्रधानमंत्री की बढती लोकप्रियता ये साबित करती है कि अगर लोक कल्याण के ध्येय से अगर कड़े फैसले भी लिए जाएँ तो जनता उसका स्वागत करती है और उसका पारितोषिक अपने समर्थन के रूप में देती है|