‘जल ही जिन्दगी है’, और ये बात मोदी सरकार अच्छे से जानती है। यही वजह है कि 2019 में पीएम की कुर्सी संभालते ही पानी की समस्या पर मोदी सरकार खास ध्यान दे रही हैं। शायद यही सोच कर उन्होंने सबसे पहले ‘जल’ को ‘कल’ के लिये बचाने की हिदायत देते हुये ‘जल शक्ति मंत्रालय’ का गठन किया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जल संचय और जल संरक्षण की दिशा में अभूतपूर्व काम हो रहे हैं। मोदी सरकार जल संचय और संरक्षण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। आंकड़ों के मुताबिक 7 फरवरी 2020 तक 17,137 चेकडैमों और 16,308 नालों का निर्माण कराया जा चुका है। इसके अलावा मोदी सरकार के प्रयास से अब तक 72,495 तालाबों को क्रियाशील बनाया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में ‘मन की बात’ के पहले कार्यक्रम में लोगों से जल संरक्षण के विषय में बात की थी। उन्होंने देशवासियों से अनुरोध करते हुए कहा, ‘‘आइए, जल संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन की शुरुआत करें।”
जल जीवन मिशन की शुरूआत
जल की महत्ता को समझते हुए पीएम मोदी ने जल जीवन मिशन की शुरूआत की है और इस पर 3.5 लाख करोड़ से भी ज्यादा रकम करने की योजना है। इसमें से 50 फीसदी केंद्र सरकार का हिस्सा होगा, जबकि बाकी 50 फीसदी राज्यों के पास होगा। राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम का लक्ष्य 2030 तक ग्रामीण क्षेत्रों में 6 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पेयजल आपूर्ति प्रदान करना है।
जलशक्ति मंत्रालय के बजट में बढ़ोतरी
इस साल केंद्रीय बजट में जलशक्ति मंत्रालय के लिए 30,478 हजार करोड़ रुपए का आवंटन किया है। पिछले साल के मुकाबले इसमें 7.84 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। यह वृद्धि मोदी सरकार के जल क्षेत्र पर बढ़ते जोर के अनुरूप है, जिसमें 2024 तक 18 करोड़ ग्रामीण परिवारों को पीने का पानी लेने की योजना शामिल है।
हर घर जल पहुंचाना लक्ष्य
देश के हर नागरिक को स्वच्छ पेय जल उपलब्ध कराना मोदी सरकार की प्राथमिकता है। सरकार 2024 तक ‘हर घर जल’ के लक्ष्य पर काम कर रही है। हर घर जल की योजना को 2050 की आवश्यकता को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। इस संबंध में सरकार कई व्यापक योजनाओं पर तेजी से काम कर रही है।
‘अटल भूजल योजना’ की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘अटल भूजल योजना’ (अटल जल) की शुरुआत की थी, जिससे सात राज्यों के 8,350 गांवों को फायदा होगा। इस योजना का उद्देश्य 7 राज्यों – गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्यय प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में प्राथमिकता की पहचान वाले क्षेत्रों में सामुदायिक भागीदारी के माध्य्म से भू-जल प्रबंधन में सुधार लाना है। इस योजना में एक प्रावधान है जिसके तहत बेहतर प्रदर्शन करने वाली ग्राम पंचायतों को अधिक धन आवंटित किया जाएगा। अटल भूजल योजना पर कुल 6000 करोड़ रुपये सरकार द्वारा आवंटित किया गया है।
सरपंचों और ग्राम प्रधानों को लिखा पत्र
पिछले दिनों पीएम नरेंद्र मोदी ने ग्रामीण इलाकों में पानी के संकट को देखते हुए गांव के प्रधानों को निजी तौर पर पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने उनसे मॉनसून के दौरान बारिश के पानी का संरक्षण करने का अनुरोध किया था। पीएम मोदी के हस्ताक्षर वाले पत्रों को जिलों के संबंधित जिला मजिस्ट्रेटों और कलेक्टरों ने स्वयं अपने हाथ से ग्राम प्रधानों को सौंपा था। पत्र द्वारा उन्होंने प्रधानों (सरपंच) से अनुरोध किया था कि वे इस मानसून ग्रामीणों को वर्षा जल के संरक्षण की प्रक्रिया शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से प्रयास करें।

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