आम आदमी का दिल जितने के मकसद से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार जल्द ही के लिए ऐसा प्लान लाने की तैयारी में है जिससे उन्हें स्वस्थ्य जीवन का तोहफा मिलेगा। सूत्रों के मुताबिक, मिडिल क्लास को सेहतमंद बनाने के लिए सरकार जल्द ही अलग से एक हेल्थकेयर स्कीम (healthcare scheme) लाने की तैयारी कर रही है। नीति आयोग ने इस योजना का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। यह रिपोर्ट नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने जारी की। इस मौके पर बिल और मेलिन्डा गेट्स फाउंडेशन (Bill and Melinda Gates Foundation) के सह-अध्यक्ष बिल गेट्स भी मौजूद थे। इस मौके पर बिल गेट्स ने कहा कि युवा आबादी के कारण भारत का भविष्य काफी उज्ज्वल है। उन्होंने रेखांकित किया कि किसी भी देश की मानव पूंजी वहां के नागरिकों के स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण पर किये गये कुल निवेश का जोड़ है।
इस योजना का लाभ उन्हें मिलेगा जो अबतक किसी पब्लिक हेल्थकेयर सिस्टम के दायरे में नहीं हैं। नीति आयोग इस योजना को इसलिए शुरू कर रही है क्योंकि अभी तक भारत की करीब 50 फीसदी आबादी किसी सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था से जुड़ी नहीं है। ऐसे लोगों के लिए उनसे मामूली राशि लेकर ऐसी प्रणाली तैयार करने का विचार है जो मिडिल क्लास की स्वास्थ्य देखभाल जरूरतों को पूरा कर सके।
हालांकि, जो लोग केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना का लाभ ले चुके है वे इस योजना का लाभ नहीं ले पाएंगे। बता दें कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के तहत कुल आबादी का 40 फीसदी हिस्सा कवर होता है। यह योजना गरीबों के लिए है और इस योजना में 5 लाख रुपए तक का बीमा मिलता है। यह पहली बार है जब मिडिल क्ला।स पब्लिक हेल्थकेयर कवर का फायदा ले पाएगी। यही वजह है कि सरकार जल्द ही मिडिल क्लास को ध्यान में रखकर हेल्थकेयर स्कीम के जरिये देश के करीब 50 फीसदी मिडिल क्लास को कवर करना चाहती है।
गौरतलब है कि मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना से अब तक 63 लाख से अधिक लोगों को लाभ मिला है। इसके साथ ही अब तक 6 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को योजना के तहत ई-कार्ड जारी किये गये हैं। चिकित्सा बीमा की इस योजना के तहत इन लोगों को 5,000 करोड़ रुपये के इलाज की सुविधा उपलब्ध करायी गयी। योजना के तहत 20 हजार से ज्यादा अस्पतालों को जोड़ा गया है।
अगर सब कुछ ठीक रहा और मोदी सरकार की इस योजना से एक आम आदमी भी 200 या 300 रुपए के प्रीमियम पर बेहतर इलाज का फायदा उठा सकता है। नीति आयोग के सलाहकार (स्वास्थ्य) आलोक कुमार ने कहा कि, मध्यम वर्ग में आने वाले लोगों को अगर देश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा व्यवस्था के निर्माण के लिए 200 या 300 रुपये देने पड़ते हैं, तो उन्हें कोई समस्या नहीं होगी।