साल 2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी उस वक्त पीएम मोदी ने एक बात बोली थी कि ना खाउंगा ना खाने दूंगा। ये संकेत था देश में उन लोगों को जो देश में भ्रष्टाचार के जरिये काली कमाई करते थे और आज उनपर सरकार ने जोरदार प्रहार करते हुए उनकी दुकाने बंद कर दी है। जिसका सबूत राष्ट्रीय खाद् अधिनियम में डिजिटल करने से मिलता है जिससे 50 हजार करोड़ की लीकेज बंद हुई है।
राशन की कालाबजारी पर लगी लगाम
वन नेशन वन राशन कार्ड असम को छोड़कर ज्यादातर राज्यों में शुरू हो चुकी है जिसका असर भी दिखने लगा है और अनाज की कालाबजारी भी ना के बराबर हो रही है। मतलब गरीब तक अब सीधे राशन पहुंच रहा है। सरकार के आंकड़ो पर नजर डाले तो राष्ट्रीय खाद्य अधिनियम को डिजिटल करने से करीब 50 हजार करोड़ का लिकेज बंद हुआ है जो ये बताता है कि सरकार किस तरह से अनाज की कलाबाजारी पर नकेल कस रही है। तभी तो आज गरीब लोगों को राशन कम दाम पर आसानी से मिल रहा है। रोजगार के लिए दूसरे राज्य में जाने वाले बिहार के श्रमिकों ने सबसे ज्यादा 1 करोड़ बार से अधिक लेनदेन किया है। यानी अपनी राशन की मूल दुकान की जगह दूसरे राज्य की दुकानो से राशन लिया है। सरकार की माने तो पीडीएस को डिजिटल बनाने से खाद् सब्सीडी का दुरप्रयोग बंद हुआ है। तकरीबन 19 करोड़ अपात्र लोगों के बाहर किया गया है। ये कुल 80 करोड़ लाभार्थियों का करीब एक चौथाई हिस्सा है। मतलब 2 लाख करोड़ की सब्सिडी में करीब 50 हजार करोड़ रूपये का अनाज गलत हाथों में जा रहा था जो अब रुका है।
पहले दिन से ही भ्रष्टाचार पर प्रहार
ऐसे तमाम मामले हैं जिसके चलते मोदी सरकार ने उन बिचौलियों की दुकान बंद कर दी है जो पहले सरकार के लोगों के साथ मिलकर काली कमाई करते थे। ऐसे ही किसानों के खाते में सीधे एमएसपी का पैसा भेजने से भी उन लोगों की दुकान बंद हो गई है जो पहले कमीशन खोरी करते थे तो सरकार के भी करोड़ो रूपये बच सके। सरकार के इन फैसलो से जनता तो खुश नजर आ रही है। लेकिन वो लोग जरूर नजर दिख रहे है जिनकी दुकाने इससे चलती थी और वो इसी लिये आज सरकार को दूसरे मुद्दे में घेर कर देश का माहौल खराब करके ईमानदार सरकार की छवि खराब करना चाहते है।
लेकिन देश की जनता तो सब जानती है और वो सही वक्त पर ऐसे लोगो को सबक भी सिखा रही है। क्योकि जनता अब समझ चुकी है कि जिन्होने सालों चूना लगाया वो अगर फिर से सत्ता में आयेगे तो फिर से क्या होगा और इसीलिये वो चुपचाप वोट की ताकत से उन्हे सत्ता से बाहर ही रख रही है और रखेगी।