जिस तरह से दाल के उत्पादन में भारत आत्मनिर्भर बना है ठीक इसी तरह आने वाले दिनो में भारत खाद्य तेल को लेकर भी आत्मनिर्भर बनने की तैयारी में जुट गया है इसके तहत सालों से अटकी नेशनल पाम ऑयल मिशन को मोदी सरकार ने मंजूरी दे दी है। अब अगले 5 साल में 11,040 करोड़ रुपये के निवेश से पाम ऑयल मिशन उत्तर-पूर्वी राज्यों में 3.28 लाख हेक्टेयर और शेष भारत में 3.22 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में चलाया जाएगा। देश में पाम ऑयल पौधारोपण कार्यक्रम के तहत 6.5 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को शामिल किया जा सकता है।
खाद्य तेलों के आएंगे अच्छे दिन
दिल्ली वेजिटेबल ऑयल ट्रेडर्स असोसिएशन की माने तो देश में पाम ऑयल का उत्पादन होने लगेगा, तो ‘अच्छे दिन’ आएंगे। पिछले कुछ समय से अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों के दामों में तेजी चल रही है। अपने देश में सालाना 200 लाख टन खाद्य तेल की खपत होती है। इसमें 150 लाख टन के लिए आयात पर निर्भर होना पड़ता है। यानि हम सिर्फ 25 प्रतिशत उत्पादन अपने देश में कर पाते हैं। इसी के चलते इंटरनैशनल मार्केट में खाद्य तेलों के रेट्स में उतार-चढ़ाव का असर भारतीय बाजारों पर पड़ता है। वैसे भी पीएम मोदी कई बार बोल चुके हैं कि जिस पैसे से हम विदेश से तेल मंगवाते है अगर वो देश में ही होने लगेगा तो देश के किसानों को ही फायदा होगा ऐसे में ही सरकार ने इस योजना को हरी झडी दिखाई है।
खाद्य तेलों में तेजी का कारण चीन
खाद्य तेलों की तेजी का मुख्य कारण चीन भी है। पिछले एक साल में चीन ने अपनी खपत से करीब 4 गुना अधिक तेल खरीद लिया है। दूसरा भारत में इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम ऑयल काफी आयात किया जाता है। कोविड-19 की वजह से वहां के उत्पादन पर फर्क पड़ा, जिससे कमी महसूस हुई। देश में शिकागो, अमेरिका और अर्जेंटीना से सोयाबीन का तेल आता है। वहां भी मौसम खराब रहा और फसल कमजोर रही। लंबे समय तक बंदरगाहों पर हड़ताल रही, जिसके चलते माल की डिलिवरी में देरी हुई। अब सरकार देश में पाम ऑयल पौधारोपण कार्यक्रम शुरू करेगी, जिससे आने वाले समय में हमारी विदेशी निर्भरता कम होगी। किसानों को रोजगार मिलेगा। छोटे और मध्यम वर्गीय व्यापारियों को काम मिलेगा। अभी देश में सरसों, सोयाबीन और बिनौला तेल की मुख्य फसल हैं।
सरकार के इस फैसले के बाद एक तरफ किसानों की आय में जोरदार बढ़ोत्तरी देखी जा सकेगी तो देश पाम ऑयल पर विदेशी निर्भयता भी कम होगी जिससे देश में तेल के दाम आपकी जेब ज्यादा ढीली नहीं कर पायेगी। मतलब किसान खुशहाल होगा और आम लोगों पर महंगाई की मार कम होगी।