देश में करीब 64 करोड़ आबादी ऐसी है जो वर्तमान में जल संकट से जूझ रही है | नीति आयोग की बैठक के बाद से ही सरकार इन लोगों को जल संकट की समस्या से बाहर निकलने की कवायद में लगी हुई है, और सभी राज्यों को जल सरंक्षण के लिए भी निर्देश दिया जा रहा है|
प्रधानमंत्री के सुझाव को ध्यान में रखते हुए मेघालय राज्य ने अपने राज्य में जल सरंक्षण और जल उत्पाद के लिए जल नीति भी तैयार कर ली है | बता दे की जल नीति तैयार करने वाला मेघालय देश का पहला राज्य बन गया है।
Meghalaya becomes first state to have a water policy. Prestone Tynsong, Dy CM says,'Policy intends to achieve sustainable development&use of water resources with community participation. Issues such as protection of catchment areas&river pollution have also been outlined in it.' pic.twitter.com/RfFptGhvZb
— ANI (@ANI) July 13, 2019
जल नीति की पूरी जानकारी देते हुए मेघालय राज्य के उप मुख्यमंत्री प्रिस्टोन तिनसॉन्ग ने कहा की जल नीति तैयार करने के पीछे एक ही मंशा है की सामुदायिक भागीदारी के साथ-साथ सतत विकास और जल संसाधनों का इस्तेमाल करना| इस नीति को नदी प्रदूषण और जलग्रहण क्षेत्रों के संरक्षण जैसे अहम् मुद्दों के अंतर्गत तैयार किया गया है| सूत्रों के मुताबिक जल निति के ड्राफ्ट पालिसी को मेघालय कैबिनेट ने बीते शुक्रवार को मंजूरी दी थी|
प्रिस्टोन का कहना है की इस जल नीति के जरिये लोगों की आजीविका और स्वास्थ में सुधर आएगा और जनभागीदारी होने से भेदभाव की कोई भी भावना उत्पन नहीं होगी| इस जल नीति से सिर्फ वर्तमान में ही नहीं बल्कि आने वाले कल में भी जल संसाधन प्रबंधन और पर्यावरणीय स्थिरता को सुनिश्चित करेगा|
जल नीति के पालिसी को स्पष्ट करते हुए प्रिस्टोन ने बताया की इन नीति को सफल बनाने के लिए हमें जनभागीदारी की आवश्यकता है ताकि इस नीति को हम गाँव के स्तर तक पहुंचा सके| आगे की जानकारी में तिनसॉन्ग ने कहा की ग्रामीण स्तर पर समितियां बनी जाएँगी ग्राउंड वाटर की समस्या से इस नीति के जरिए निपटा जाएगा| इसके साथ ही विभाग पानी की जाँच भी करेगा ताकि पता चल सके की पानी में आयरन के कण ज्यादा तो नहीं है या फिर पानी एसिडिक तो नहीं| सूत्रों के मुताबिक मेघालय सरकार बहुत जल्द इस निति को आम जनता के बीच एलान करेगी|
सबसे अहम् बात ये है की मेघालय सरकार ने अपनी जनता को जल संकट की समस्या से बचने की कवायद शुरू कर दी है| ज़रूरी ये है की केंद्र सरकार के साथ-साथ और भी राज्य सरकार को जल सरंक्षण और जल उत्पाद के लिए ऐसी नीति तैयार करने की ज़रुरत है| जल संकट एक ऐसी समस्या है जिससे निपटने के लिए हम सबको साथ आना होगा|

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