7 साल पहले जब पीएम मोदी सत्ता में आये थे तो उनके धुर विरोधी यही कहते हुए नजर आते थे कि मोदी जी को विदेश नीति की बिलकुल समझ नहीं है लेकिन आज 7 साल बाद विश्व में पीएम मोदी ने जो भारत की छवि बनाई है उसको देखकर वो लोग कही छुप से गये है। क्योंकि आज समूचे विश्व में पीएम मोदी के कूटनीति का डंका बज रहा है। इसी का असर है कि जहां ऑस्ट्रेलिया से भारत की पुरानी विरासत कई मूर्तियां भारत वापस लाई जा चुकी है तो क्रूड ऑयल खरीदने को लेकर भारत पर कोई दबाव आज नहीं है।
ऑस्ट्रेलिया ने भारत को लौटाईं 29 दुर्लभ मूर्तियां
भारत की संस्कृतिक विरासत की सुध लेने वाली सरकार अगर आजादी के बाद कोई हुई है तो वो मोदी सरकार है जिसका परिणाम ये हो रहा है कि आज देश से दशकों पहले चोरी हुई हमारी बेशकीमती धरोहर फिर से भारत आ रही है जिसका जीता जागता उदाहरण ऑस्ट्रेलिया है जहां से भारत करीब 29 दुर्लभ मूर्तियां वतन वापस आ चुकी है। खुद पीएम मोदी ने इस मूर्तियों को जाकर देखा। इसके साथ उन्होने ऑस्ट्रेलिया के पीएम को भारत की धरोहर लौटाने के लिए धन्यवाद भी दिया।
‘क्वाड’ यूक्रेन जंग में भारत के रूख को स्वीकारा
ऑस्ट्रेलिया ने रविवार को कहा कि ‘क्वाड’ के सदस्य देशों ने यूक्रेन में रूस के हमलों पर भारत के रुख को स्वीकार किया है। साथ ही, इस युद्धग्रस्त देश (यूक्रेन) में संघर्ष को खत्म करने की अपील करने के लिए पीएम मोदी द्वारा अपने संपर्कों का उपयोग करने से कोई भी देश नाखुश नहीं होगा। दरअसल यूक्रेन और रूस जंग के बीच रूस से ऑयल खरीदने को लेकर कुछ लोग भारत के रूख से परेशान हो रही थी जिसको लेकर भारत ने अपनी बात रखी थी और उसके बाद अमेरिका हो या फिर अब ‘क्वाड’ देश के सदस्य सभी ने भारत की बात को माना है। उल्लेखनीय है कि भारत ने यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा नहीं की है, जबकि क्वाड के अन्य सदस्य देशों अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया ने मास्को की इस सैन्य कार्रवाई की निंदा की है। वहीं, भारत का यह कहना है कि संकट का हल वार्ता और कूटनीति के जरिए किया जाना चाहिए। भारत में नियुक्त आस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओ फारेल ने इस बाबात बोला है ‘‘क्वाड देशों ने भारत के रुख को स्वीकार किया है। हम समझते हैं कि हर देश का एक द्विपक्षीय संबंध है और यह विदेश मंत्रालय तथा प्रधानमंत्री मोदी की खुद की इन टिप्पणियों से स्पष्ट है कि उन्होंने संकट को खत्म करने की अपील करने के लिए अपने संपर्कों का उपयोग किया है और कोई भी देश इससे नाखुश नहीं होगा।
इसके साथ साथ आज आलम ये है कि भारत का दुश्मन मुल्क पाकिस्तान भी भारत की विदेश नीति का कसीदा पढ़ रहा है। खुद इमरान खान मान रहे है कि भारत इस वक्त अपने हितों में ध्यान रखकर विदेशनीति बना रहा है जिसका असर ये है कि वो एक तरफ रूस से तेल भी ले रहा है तो दूसरी तरफ अमेरिका के साथ भी खड़ा है और यही उन लोगों के लिए जवाब है जो मोदी जी को विदेश नीति के मामले में कम आँकते थे।