आज का दिन भारतीय राजनीती की सबसे बड़ी ऐतिहासिक जीत का दिन है | 70 साल पुरानी जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली आर्टिकल 370 को ख़त्म कर दिया गया है और इस आर्टिकल के ख़त्म होते ही अब जम्मू-कश्मीर भी देश के अन्य राज्यों की तरह केन्द्र-शासित राज्य हो गया है | आर्टिकल 370 ख़त्म होने का जश्न पुरे देश में दिख रहा है |
बता दे की आज सुबह कैबिनेट मंत्रियों की बैठक के बाद ये फैसले लिया गया जिसके बारे में अमित शाह ने राज्यसभा में सुबह 11 बजे जानकारी दी | राज्यसभा में इस प्रस्ताव को पेश करते ही हंगामा शुरू हो गया जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही को रद्द भी करना पड़ा | पर अब मोदी सरकार द्वारा आर्टिकल 370 ख़त्म किया जा चूका है | सरकार को संसद में हंगामे का अंदाज़ा पहले से ही था | साथ ही इस फैसले को लेकर कश्मीर में सुरक्षा के कड़े इन्तेजाम पहले ही कर दिए गये थे |
आइये जानते है क्या है आर्टिकल 370 और क्या होता है इसके अंतर्गत:
क्या है आर्टिकल 370 ?
आर्टिकल 370 के तहत जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त था जिसके अंतर्गत राज्य में सुरक्षा, विदेश मामले और कम्युनिकेशन जैसे क्षेत्रों तक ही केंद्र सरकार की शक्तियां सीमित थी | यहाँ तक की आर्टिकल 370 के तहत सन 1956 में जम्मू कश्मीर के लिए अलग से संविधान तैयार किया गया था | मोदी सरकार का मानना था की इस आर्टिकल के वजह से कश्मीर की जनता में अलगाववादी की भावना उत्पन्न हो रही है और उन्हें ऐसा महसूस होता है की देश उनके बारे में कुछ नहीं सोचता |
आर्टिकल 370 को खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका
मोदी सरकार अपने पहले कार्यकाल से ही इसी कोशिश में है की जम्मू-कश्मीर राज्य को आर्टिकल 370 से मुक्त किया जाये | इसके लिए साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट में आर्टिकल 370 A को खत्म करने के लिए याचिका दर्ज की गई थी | इस आर्टिकल में सरकार ने कहा था की जम्मू-कश्मीर भारत का ही भाग है और अन्य राज्यों की तरह ये राज्य भी केंद्र शासित होना चाहिए ताकि सरकारी योजना और आरक्षण का लाभ यहाँ की जनता को भी मिल सके | एक तरफ जहाँ सरकार 370 को ख़त्म करने की कवायद कर रही है वहीँ दूसरी तरफ प्रदेश की सभी मुख्य पार्टियाँ आर्टिकल 370 का समर्थन कर रही है | उनका मानना है की आर्टिकल 370 को हटाना कश्मीर के मूल निवासियों के साथ अन्याय करने के बराबर होगा |
आर्टिकल 370 के अंतर्गत ही है 35A
आर्टिकल 370 के अंतर्गत ही आर्टिकल 35A भी आता है जिसके तहत राज्य सरकार को स्थायी नागरिक की परिभाषा तय करने का अधिकार है | बता दे की राज्य के स्थायी नागरिक ही प्रादेशिक नौकरियों, छात्रवृत्ति और अचल संपत्ति खरीदने के हकदार हैं | सरकार द्वारा आर्टिकल 370 हटाने के साथ ही आर्टिकल 35A खुद निरस्त हो गया | अब कश्मीर में रहना कश्मीर वासियों के साथ देश के अन्य लोगों के लिए भी आसान हो जायेगा |