एमीसेट एक मिलिट्री उपग्रह है| इसके जरिए सीमाओं पर तैनात दुश्मन के राडार और सेंसर पर निगरानी रखी जा सकती है| ISRO ने कहा है कि इस सैटलाइट के साथ 28 थर्ड पार्टी सैटेलाइट को भी लांच किया जाएगा| यह पहली बार होगा जब पीएसएलवी से पृथ्वी की तीन कक्षाओं में सैटेलाइट को प्रक्षेपित किया जाएगा|
अब दुश्मन के घर पर सीधी निगरानी रखेगा एमीसेट
• सीमाओं पर तैनात दुश्मन के राडार और सेंसर्स पर निगरानी रखेगा एमीसेट
• 1 अप्रैल को लांच होगा एमीसैट सैटलाइट
• दुश्मन के इलाकों का सटीक इलेक्ट्रॉनिक नक्शा बनाने में मदद करेगा
• सीमाओं पर मौजूद मोबाइल समेत अन्य संचार उपकरणों की सही जानकारी देगा
• मोबाइल और संचार उपकरणों के जरिए होने वाली बातचीत को डिकोड करने मे मदद करेगा
अब किसी भी आतंकी गतिविधियों पर नजर रखेंगी अंतरिक्ष में तैनात हमारी इलेक्ट्रॉनिक खुफिया निगाहें| जी हाँ, पाकिस्तान की सीमाओं पर किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट या मानवीय मूवमेंट पर नजर रखेगा इसरो का एमीसेट|
एक अप्रैल को रक्षा अनुसन्धान विकास संगठन के लिए इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सैटेलाइट एमीसैट लांच होने वाला है| एमीसेट को इसरो और डीआरडीओ ने मिलकर बनाया है| आपको बता दे कि अगले महीने से भारतीय वायुसेना, में तेजस 16वा भी शामिल होने जा रहा है| लगातार नई-नई चीजों से लैस होगी अब हमारी भारतीय सेना|अंतरिक्ष में इसकी तैनाती के बाद भारतीय रक्षा एवं निगरानी सेवाओं में कई गुना इजाफा हो जाएगा|
यदि इलेक्ट्रॉनिक सैटेलाइट एडवांस है तो वह यूज़र्स के बीच हुई बातचीत को डिकोड कर करती है| हालांकि संदेशों को डिकोड करने की प्रक्रिया काफी जटिल होती है| एमीसेट से पहले ISRO ने DRDO के माइक्रोसैट आर का 24 जनवरी को प्रक्षेपण किया था| जो रात मे तस्वीरें खींचने में सक्षम है|
डीआरडीओ के पूर्व वैज्ञानिक रवि गुप्ता और इसरो के वैज्ञानिकों के अनुशार एमीसेट एक मिलिट्री उपग्रह है| इसके जरिये सीमाओं पर तैनात दुश्मन के राडार और सेंसर पर निगरानी रखी जाती है| दुश्मन के इलाकों का सही इलेक्ट्रॉनिक नक्शा बनाने और दुश्मन के इलाके में मौजूद मोबाइल समेत अन्य संचार उपकरणों की सटीक जानकारी देगा एमीसेट| जिसके बौदलत किसी भी आतंकी हमले को नाकाम किया जा सकता है|
पुलवामा में हमले के बाद भारतीय यावु सेना ने बालाकोट में एयरस्ट्राइक किया था| एयरस्ट्राइक के बाद एनटीआरओ ने बताया था कि हमले के समय बालाकोट में 300 मोबाइल एक्टिव थे| और संभवत इस एयरस्ट्राइक में सारे के सारे आतंकी मारे गये थे| लेकिन इस पर लगातार सवाल उठ रहे हैं| अब ऐसे सवाल नहीं उठेंगे|
एमीसेट के साथ छोड़े जाएंगे 28 विदेशी उपग्रह
इसरो 1 अप्रैल को सुबह 9:30 बजे पीएसएलवी-सी45 रॉकेट से एमीसेट के साथ 28 अन्य विदेशी उपग्रहों को भी लॉन्च करेगा| इसरो पहली बार इन सभी उपग्रहों को तीन विभिन्न ऑर्बिट में छोड़ेगा| एमीसेट 749 किमी की ऊंचाई पर पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाएगा| 28 विदेशी उपग्रह 504 किमी की ऊंचाई पर रहेंगे और पीएसएलवी रॉकेट का चौथा स्टेज पीएस-4 485 किमी की ऊंचाई वाले ऑर्बिट में चक्कर लगाएगा|
क्यूँ ख़ास है पीएस-4
पीएस-4 मे होंगे तीन पेलोड्स| पीएस-4 एक प्रायोगिक प्लेटफॉर्म है| इसमें तीन पेलोड्स होंगे- ऑटोमैटिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम, ऑटोमैटिक पैकेट रिपीटिंग सिस्टम और एरीस| ये तीनों पेलोड्स अंतरिक्ष में विभिन्न प्रकार के प्रयोग करेंगे|
कितना वक़्त लगा एमीसेट को डेवलप करने में
एमीसेट को डेवेलप करने में लगभग 8 साल लगे हैं| एमीसेट के बारे मे रक्षा मंत्रालय के वार्षिक रिपोर्ट 2013-14 में पहली बार जिक्र आया था| डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स रिसर्च लेबोरेटरी हैदराबाद ने इसे कौटिल्य प्रोजेक्ट के तहत आठ साल में बनाया है| हाल ही में इसरो चेयरमैन के सिवन ने भी कहा था कि इसरो का पीएसएलवी-सी 45 लॉन्च विशेष होगा|
अब इस नए इलेक्ट्रॉनिक मशीन से हमारे भारतीय सेना को बहुत मदद मिलेगी जिसकी बदौलत अब हम आतंकियों की हरेक गतिविधियों पर नज़र रख पाएंगे और देश में होने वाले किसी भी आतंकी हमले को आसानी से रोक पाएंगे|

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