देश में हकीकत में कुछ राज्यों में ऑक्सीजन की कमी है या फिर सिर्फ मोदी सरकार को बदनाम करने के लिये इसके पीछे कोई साजिश रची गई है। ऐसा हम यूं ही नहीं बोल रहे है क्योकि एकाएक अस्पतालो में ऑक्सीजन की कमी मन में शंका पैदा कर रही है। ऐसे में ये हम भी मान रहे है कि कोरोना के चलते मरीज बढ़ने से इसकी डिमांड पर असर पड़ा था और मांग बढ़ गई थी लेकिन ऑक्सीजन को मोहइया करवाने में दिल्ली की सरकार की कोताही जरूर दिख रही है। खासकर उस वक्त और जब राज्य में ऑक्सीजन को लेकर कालाबाजारी में खुद केजरीवाल के मंत्री को कोर्ट की तरफ से नोटिस दी गई है।
दिल्ली में ऑक्सीजन की मांग सबसे ज्यादा क्यों ?
दिल्ली की सरकार ने ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा मांग केंद्र सरकार से की थी जबकि ऑकड़ो पर नजर डाले तो दूसरे राज्यो में दिल्ली से कही अधिक मरीज होने के बाद भी ऑक्सीजन की मांग ज्यादा नही रखी। सरकारी ऑकड़ो के अनुसार देश की सबसे ज्यादा आबादी होने वाले राज्य यूपी में करीब 2,26 हजार एक्टिव केस होने के बाद भी 753 मीट्रिक टन ऑसीजन की जरूरत पड़ रही है तो हरियाणा में 1 लाख से ऊपर एक्टिव केस होने के बाद भी 162 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग रखी इसी तरह आंध्र प्रदेश में 1.5 लाख एक्टिव केस होने के बाद भी 440 मीट्रिक टन ऑक्सीजन गैस केंद्र से ली वही मध्यप्रदेश 89 हजार एक्टिव केस के बाद भी 543 मीट्रिक टन ऑक्सीजन पहुंची जबकि दिल्ली में इन राज्यो की तुलना में एक्टिव केस करीब 90629 होने के बाद भी 730 मीट्रिक टन गैस की मांग करके मरीजों के इलाज के बजाये ऑक्सीजन ऑक्सीजन का रोना रोया जबकि कोर्ट से इस मुद्दे पर उनकी जमकर फटकार भी लगाई।
दिल्ली सरकार के मंत्री ऑक्सीजन की कालाबाजारी में फंसे
दूसरी तरफ दिल्ली सरकार ऑक्सीजन कम देने का आरोप केंद्र पर लगा रही थी उधर उनके ही मंत्री ऑक्सीजन की कालाबाजारी कर रहे थे। अब इस मुद्दे पर कोर्ट ने उन्हो नोटिस दी है और पूछा है कि आखिर उनके पास कहां से ऑक्सीजन के सिलेंडर आ रहे थे इतना ही नहीं राज्य में दवा की कालाबाजारी को लेकर केजरीवाल सरकार पर तंज कसते हुए उसपर लगाम लगाने की बात कही है। लेकिन दिल्ली में लगातार कालाबाजारी की खबर सामने आ रही है जो ये बताती है कि कही न कही दिल्ली सरकार की इस आपदा के वक्त कोई तैयारी नही थी तभी इस तरह के हालात सामने आये जिससे अस्पताल के बाहर लोगों की अफरातफरी देखी गई।
जो मोदी सरकार को बदनाम करने की साजिश ही लग रही है। वैसे भी आज का दौर देखे तो मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए पहले भी कई समस्या खड़ा करके सोशल मीडिया में बदनाम करने की पूरी की पूरी साजिश चली है। लेकिन हर बार देश की जनता ने उन्हे नाकाम किया है और इस बार भी कुछ ऐसा ही होगा।