नार्थ ईस्ट में विकास का सूरज पिछले 7 सालों से ना सिर्फ जगमगा रहा है बल्कि उनमें प्रकाश की लौ लगातार बढ़ती जा रही है। देश के दूसरे कोनो से पहले जहां यहां पहुंचना कठिन होता था तो वही अब यहां पहुंचने के लिये सड़क ट्रेन और हवाई मार्ग की कनेक्टिविटी लगातार बढ़ती ही जा रही है। इसी क्रम में अब शिलांग-डिब्रूगढ़ के बीच पहली सीधी उड़ान का उद्घाटन कर दिया गया है जिससे 12 घंटे का सफर अब महज 75 मिनट का हो गया है।
शिलांग-डिब्रूगढ़ के बीच पहली सीधी उड़ान का हुआ उद्घाटन
नार्थ ईस्ट के बेहतरीन और खूबसूरत शहरों में एक शिलांग जाना और भी आसान हो गया है। शिलांग और डिब्रूगढ़ के बीच डॉयरेक्ट फ्लाइट की शुरुआत हो गई है जिसके बाद 12 घंटे का सफर अब महज 75 मिनट का हो गया है। ऐसा नहीं कि ये पूर्वोत्तर के विकास में उठाया गया पहला कदम है, इससे पहले पूर्वोत्तर के कई राज्यो में सड़को का चौड़ीकरण किया गया है तो कई टनल का निर्माण भी अपने अंतिम रूप में है। अरूणाचल प्रदेश की ही बात करे तो यहां पर करीब 2 दर्जन से अधिक ब्रिज तैयार किये गये है तो सेला टनल का काम भी लगभग पूरा होने के करीब है जिससे भारत चीन सीमा तक किसी भी मौसम में पहुंच सकेगा।
मेघालय हो या त्रिपुरा हर जगह पहुंची ट्रेन
विकास की छुक छुक रेल आज मेघाल और त्रिपुरा में भी पहुंच गई है। खुद पीएम मोदी ने मेघालय के मेंदिपाथर से गुवाहाटी के बीच चलने वाली पहली यात्री रेलगाड़ी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था जिसके बाद मेघालय भी रेलवे के मानचित्र पर दर्ज हो गया। वही भैरबी से मिजोरम के सैरंग तक रेलवे की बड़ी लाइन की आधारशिला भी रख दी गई है। इसी तरह त्रिपुरा तक भी रेल पहुंच गई है। सबसे बड़ी बात ये है कि ये सब काम महज मोदी सरकार के 7 सालों के भीतर हुआ है। जबकि इससे पहले की सरकारे सिर्फ योजना बनाकर ही बैठ जाती थी लेकिन जमीनी हकीकत में कोई ठोस कदम नही उठता था जिसके कारण पूर्वोत्तर के राज्य विकास के अभाव में देखे जाते थे। आज बोगी ब्रिज बन जाने से असम देश के दूसरे राज्यो से ऐसे जुड़ा है जैसे दूसरे राज्य एक दूसरे से जुड़े है।
वैसे भी वास्तु शास्त्र में माना जाता है कि अगर कोई ईशान यानी पूर्वोत्तर कोण को व्यवस्थित रखता है, तो घर की समृद्धि बढ़ती है। उसी प्रकार मोदी सरकार का मानना है कि यदि हम भारत के पूर्वोत्तर को व्यवस्थित रखेंगे, तो यह देश के बाकी हिस्सों के लिए मददगार होगा और देश का विकास तेजी के साथ होगा।