अब इसे सौतेला व्यवहार ना कहे तो और क्या कहे। जब सारा विश्व जंग के मुहाने पर खड़ा है और संयुक्त राष्ट्र संघ को जंग टालने की पहल करनी चाहिए थी लेकिन वो भारत के खिलाफ गलत बयान बाजी में लगा हुआ है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पत्रकार राणा अय्यूब को न्यायिक उत्पीड़न के अधीन करने के संयुक्त राष्ट्र के आरोपों को खारिज करते हुए भारत ने अपना पक्ष रखा और कड़े शब्दो में इसकी निंदा की।
संयुक्त राष्ट्र के ट्वीट पर भारत का कड़ा जवाब
भारत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पत्रकार राणा अय्यूब को न्यायिक उत्पीड़न के अधीन करने के संयुक्त राष्ट्र के आरोपों को खारिज कर दिया। प्रवर्तन निदेशालय ने पत्रकार राणा अय्यूब के बैंक खातों से ₹1.77 करोड़ की धनराशि संलग्न की है, जिसमें उन पर व्यक्तिगत उपयोग के लिए ऑनलाइन क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म से उत्पन्न धन का कथित रूप से दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है। संयुक्त राष्ट्र ने एक ट्वीट में राणा अय्यूब के खिलाफ महिला द्वेषपूर्ण और सांप्रदायिक हमलों का आरोप लगाया था, जिसे न्यायिक उत्पीड़न कहा जाता है और इसकी जांच की मांग की गई थी। वहीं संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन ने एक ट्वीट में जवाब दिया, जिसमें लिखा था कि तथाकथित न्यायिक उत्पीड़न के आरोप निराधार और अनुचित हैं। भारत कानून के शासन को कायम रखता है, लेकिन समान रूप से स्पष्ट है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और कानून को लेकर भारत किसी तरह की बाहर की दखल को बर्दाश्त नही कर सकता है।
Allegations of so-called judicial harassment are baseless & unwarranted. India upholds the rule of law, but is equally clear that no one is above the law.
We expect SRs to be objective & accurately informed. Advancing a misleading narrative only tarnishes @UNGeneva’s reputation https://t.co/3OyHq4HncD— India at UN, Geneva (@IndiaUNGeneva) February 21, 2022
आखिर ये सौतेला व्यवहार क्यों
वैसे ये पहला मौका नहीं है, ठीक इसके पहले किसान आंदोलन पर भी विश्व की तरफ से आवाज उठाई गई थी और कही ना कही भारत पर प्रोपेगेंडा के तहत हमला बोला गया था। जबकि आज कनाडा में भी इसी तरह का आंदोलन चल रहा है लेकिन विश्व मंच की बात करे या फिर विदेशी मीडिया की सभी चुप बैठे है। ठीक रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे विवाद के बीच अमेरिका से जंग होने के आसार बंद रहे है लेकिन इस पर विश्व मंच शांत बना हुआ है। उधर जगजाहिर है कि चीन के चलते ही विश्वभर में कोरोना फैला है और उसकी विस्तारवादी नीति के चलते उसकी आंख अब ताइवान पर है
ये देखते हुए भी विश्व मंच चुपचाप सब देखने में लगा है लेकिन यूएन को सिर्फ भारत में ही न्यायिक प्रताड़ना दिख रही है। ऐसे में सवाल तो बनता है कि आखिर ये सौतेलापन भारत के साथ क्यो जबकि विश्व में जब जब कोई विपदा आती है तो भारत सबसे आगे खड़ा होकर इससे निपटता है और विश्व को एक नया रास्ता दिखाता है।