चालबाज चीन ने चालबाजी से हमारे 20 जवानों पर हमला बोला, जिसमे वो शहीद हो गये इन वीर भारत माता के सपूतों की शहादत का बदला लेने के लिए एक तरफ सेना सीमा पर मुस्तैद है तो दूसरी तरफ देश के भीतर चीन को सबक सिखाने की एक आग आप खुद देख सकते हैं। जिसके चलते चीनी सामान का बहिष्कार करके चीन को आर्थिक मोर्चे पर चोट देने की शुरूआत भी हो गई है।
ADS और BSNL ने चीनी कंपनियों पर लगाई रोक
चीन को करारा जवाब देने की शुरूआत भी हो गई है। जिसके चलते जहां भारत संचार प्रबंधन ने देश के चौनलों पर चीनी कंपनियों के विज्ञापन पर रोक लगाने का फैसला लिया है तो दूर संचार कंपनियों ने चीनी कंपनियो को दिये गये ठेके से बाहर निकालने की बात कही है। इतना ही नही कयास लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनो में मेरठ रेपिड मेट्रो प्रोजेक्ट से भी चीन की कंपनी को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। सरकार इसके साथ साथ कई और बड़े और कठोर फैसले लेकर चीन को आर्थिक तौर पर पंगु बनाने का काम कर सकता है।
चीनी ऐप्स का भी शुरू हुआ बायकॉट
भारत में TikTok, UC Browser, Bigo Live, Shareit जैसी ऐप्स के करोड़ों यूजर्स हैं। लद्दाख में 20 जवानों के शहीद होने की सूचना मिलने के बाद इन ऐप्स से भारतीयों का मोहभंग होना शुरू हो गया है। लोग किसी भी तरह चीन को चोट पहुंचाना चाहते हैं। कई यूजर्स ने चीनी ऐप्स अनइंस्टॉल करने की जानकारी सोशल मीडिया पर दी। कुछ ने कहा कि भारत सरकार ही चीनी ऐप्स पर पाबंदी लगाए।
कारोबारियों ने चीनी सामान का शुरू किया बहिष्कार
इसके साथ साथ देश के कारोबारियों ने भी चीनी सामान का बहिष्कार शुरू कर दिया है। कोरोबारियों के एक संगठन कैट ने ऐलान कर दिया है कि वो देश की बाजार में चीनी समान नहीं बेचेंगे और नहीं खरीदेंगे। कोरोबारियों की अगर ये मुहीम रंग लाती है तो आप मान लीजिये कि चीन को आर्थिक तौर पर करीब 20 फीसदी का घटा झेलना पड़ेगा और ये खुद चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने माना है। इसके साथ चीन के सामान का बहिष्कार करने के लिये देश की जनता ने भी शुरूआत कर दी है तभी तो दो दिन के भीतर ही कई ऐसी खबर आई है कि देश के कोने-कोने में चीन के समान को जलाया गया है या फिर घरों से बाहर कर दिया गया है।
यानी कि एक तरफ भारत आत्मनिर्भर बनने के लिए तेजी से खुद तैयार हो रहा है तो दूसरी तरफ इस हरकत के बाद चीनी सामान का विरोध भी तेज हो गया है। इससे तो यही लगता है कि चीन ने भारत से पंगा गलत ले लिया है क्योंकि अब उसे एहसास होगा कि भारत दोस्ती का जवाब दोस्ती से बहुत अच्छी तरह से देता है लेकिन दुश्मनों की क्लास बेहतर तरीके से लगाना भी जानता है। इसलिये चीन अभी भी सुधर जाये वरना फिर उसका जो नुकसान होगा उसका अंदाजा वो नही लगा सकता…