गुरुवार को विपरीत परीस्थितियों का सामना करते हुए एवं संघर्ष विराम उल्लंघन से बगैर विचलित हुए सियाचिन ग्लेशियर और जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास तैनात जवानो ने सशस्त्र बल मतदाता के तौर पर अपने मताधिकार का उपयोग किया|
जवानों के इस गतिविधि के बाद उनका हौसला अफजाही करते हुए रक्षा विभाग के ट्विटर अकाउंट द्वारा ट्वीट कर कहा गया- ‘सियाचिन ग्लेशियर और जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास तैनात भारतीय सेना के जवानों ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हिस्सा लिया|’
चुनाव आयोग से जुड़े एक प्रवक्ता के मुताबिक अपनी तरह की इस नयी पहल में चुनाव आयोग ने दूरदराज और विषम स्थानों में तैनात सैनिकों के लिए ऑनलाइन मतपत्र डाउनलोड करने, वोट देने और इन्हें अपने संबंधित निर्वाचन अधिकारी को पोस्ट करने की सुविधा दी है|
इस सन्दर्भ में प्रवक्ता ने यह भी कहा कि सैनिकों ने संसदीय चुनाव में वोट देकर लोकतांत्रिक प्रक्रिया की मजबूती दिखाई है| मालूम हो की यहाँ 11 अप्रैल को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान हुआ| उल्लेखनीय है कि पहले चरण में 18 राज्यों की 89 और केंद्र शासित प्रदेशों की दो सीटों पर चुनाव कराया गया|