जो लोग मौद्रीकरण की नीति को लेकर मोदी सरकार पर बेमतलब में हल्ला बोल रहे है वो ये समझ लें, कि आने वाले दिनो में इसी नीति की तारीफ करते वो नहीं थकेगे क्योंकि इसी नीति के चलते देश में एक नई विकास की लहर दिखेगी। सरकार की माने तो अगले चार वर्षों में 400 रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास के साथ इसी योजना से रेलवे की कायाकल्प बदलने की शुरूआत होगी।
400 रेलवे स्टेशनों के साथ कई बड़े बदलाव की तैयारी
भारतीय रेलवे जिस तरह से अपने मुसाफिरों को सुविधा दे रही है उसमें और तेजी लाने के लिये सरकार ने आने वाले चार साल की योजना तैयार कर ली है जिसके चलते अगले चार वर्षों में 400 रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास होगा और 90 पैसेंजर ट्रेन का संचालन निजी आपरेटर्स करने लगेंगे। वहीं, 1,400 किलोमीटर के ट्रैक का विकास भी निजी कंपनियां करेंगी। इसके अलावा पहाड़ी इलाके के रेलवे, डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर और रेलवे कालोनी के पुनर्विकास का काम भी संपदा मौद्रीकरण के तहत किया जाएगा। वित्त वर्ष 2021-22 से लेकर वित्त वर्ष 2024-25 तक 1,52,496 करोड़ रुपये मूल्य की रेलवे संपदा के मौद्रीकरण का लक्ष्य रखा गया है। वही साल 2021-22 में 17,810 करोड़ रुपये मूल्य की संपदा का ही मौद्रीकरण होगा। चालू वित्त वर्ष में सिर्फ रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास, पहाड़ी रेलवे का निजी संचालन और रेलवे कालोनियों का पुनर्विकास कराया जाएगा। संपदा मौद्रीकरण का पूरा खाका नीति आयोग ने तैयार किया है जिसे हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया था।
मालगाड़ियों की रफ्तार बढ़ाकर कमाई को बढ़ाने की कवायद
एक तरफ रेलवे मौद्रीकरण की नीति से रेलवे का रूपरंग बदलने की तैयारी में लगी है जिससे मुसाफिरों को बेहतर सुविधा दे सके तो दूसरी तरफ अपनी आय को बढ़ाने के लिये तेजी से माल ढुलाई के लिये काम करने में लगी रेलवे अब कई रूटो की मालगाडियों की रफ्तार बढ़ाकर अपनी इंकम बढ़ाने की जुगत में भी लगी हुई है। कोरोना संक्रमण के दौर में यात्री भाड़ा से होने वाली कमाई में नुकसान की भरपाई के लिए रेल प्रशासन माल ढुलाई को बढ़ावा दे रहा है। व्यापारियों को रेल के जरिये माल ढुलाई के लिए प्रोत्साहित करने को कदम उठाए जा रहे हैं। जल्दी सामान एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंच सके इसके लिए मालगाड़ियों की रफ्तार बढ़ाई जा रही है। इन प्रयासों के परिणाम भी सामने आने लगे हैं। अगस्त में दिल्ली मंडल के साथ ही उत्तर रेलवे में रिकार्ड माल ढुलाई की गई। दिल्ली मंडल में माल ढुलाई से अगस्त माह में 261.29 करोड़ रुपये की आमदनी हुई। पिछले वर्ष अगस्त में माल ढुलाई से हुई आमदनी से यह 25.97 फीसद ज्यादा है जिसके बाद सरकार ने दूसरे मंडलो पर भी इसी तरह से रफ्तार बढ़ाकर आमदनी बढ़ाने जा रही है।
फिलहाल रेलवे पिछले 7 सालों से जिस तरह से अपने आपको बदलने में लगी है वैसा पहले कभी देखने को नही मिला जिसका परिणाम ये हो रहा है कि आज देश में कई हाईटेक स्टेशन देखने को मिल रहे है तो साफ सफाई बहुत ज्यादा बेहतर हुई है। तो नई नई ट्रेनों के साथ साथ सस्ते किराय में लग्जरी कोच जैसी सुविधा से मुसाफिरों को सुविधा भी बहुत मिल रही है। हां उन लोगों के पेट में दर्द जरूर हो रहा है जो ऐसे व्यवस्था खुद नहीं कर पाये और आज वो ही रेल बेच दी जा रही है का भ्रम फैलाकर अपनी नाकामी छुपाने में लगे हुए है।