विश्व में भारत की धाक लगातार बढ़ते ही जा रही है। विश्व दिग्गज देश जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर जहां भारत के मुरीद है तो संसार आज कोरोना और उसके रोकथाम को लेकर भारत के प्रयासो की तारीफ खोले दिल से कर रहा है। इस बीच भारत को विश्व संगठन के कई अहम निकायों में भी जगह मिल रही है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर अपनी पारी की शुरुआत करने के बाद अब भारत को संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के तीन निकायों के लिए भारत का निर्वाचन किया गया है जो आजादी के बाद पहली बार हुआ है।
अपराध निरोधक एवं आपराधिक आयोग का मेंबर बना भारत
भारत को बिन किसी के विरोध के अपराध निरोधक एवं आपराधिक आयोग में एक जनवरी, 2022 से शुरू हो रहे तीन साल के कार्यकाल के लिए चुना गया है। वहीं, ऑस्ट्रिया, बहरीन, बेलारूस, बुल्गारिया, कनाडा, फ्रांस, घाना, लीबिया, पाकिस्तान, कतर, थाइलैंड, टोगो और अमेरिका को भी मौखिक अनुमोदन के साथ चुना गया जबकि ब्राजील, डोमिनिक गणराज्य, प्राग, चिली, क्यूबा को गुप्त मतदान के जरिए चुना गया। भारत के चुने इस निकाय में चुना जाना इस लिये अहम माना जा रहा है क्योकि वो इस के जरिये विश्व आतंकवादियों पर नकेल कसने की अपनी रणनीति में और मजबूत होगा।
लैंगिक समानता एवं महिला सशक्तिकरण संस्था का सदस्य बना
भारत को संयुक्त राष्ट्र लैंगिक समानता एवं महिला सशक्तिकरण संस्था के कार्यकारी बोर्ड में भी तीन साल के कार्यकाल के लिए अनुमोदन के द्वारा निर्वाचित किया गया। संयुक्त राष्ट्र निकाय में अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, कैमरून, कोलंबिया, डोमिनिक गणराज्य, मिस्र, गांबिया, गुयाना, केन्या, मोनाको, पोलैंड, दक्षिण अफ्रीका, थाइलैंड, तुर्कमेनिस्तान और यूक्रेन भी निर्वाचित हुए।
विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी बोर्ड में बनाई जगह
इसके अलावा भारत विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी बोर्ड में भी निर्वाचित हुआ। एक जनवरी, 2022 से उसका कार्यकाल शुरू होगा। इस बोर्ड में फ्रांस, घाना, कोरिया गणराज्य, रूस और स्वीडन को भी अनुमोदन द्वारा निर्वाचित किया गया। भारत सरकार द्वारा चलाये जा रहे खाद्य कार्यक्रमो की पहले ही विश्व में तारीफ हो रही है। दुनिया के संगठन की माने तो भारत ने अपने कृषि सेक्टर में अमूल्यचूक परिवर्तन करके एक ओर आनाज की भारी आपूर्ती की है तो नये तरीके से खेती का फायदा किसानो तक पहुंचाकर उनकी आय में भी काफी इजाफा किया है जो आजादी के बाद पहली बार हुआ है।
वैसे अगर देखे तो दुनिया ये मानकर ल रही है कि आने वाली सदी भारत की है और इसी वजह से विश्व संगठन में भारत की उपयोगिता बढ़ रही है और अब ये दिखने भी लगा है कि दुनिया सिर्फ भारत को सुन ही नहीं रही है बल्कि भारत के बताये रास्ते पर चलने का प्रयास भी कर रही है।