श्रीलंका के नए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे अपनी पहली आधिकारिक विदेशी यात्रा पर भारत दौरे पर हैं। आज राजपक्षे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। पीएम मोदी ने इस दौरान उन्हें चुनावों में जीत के लिए बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘चुनाव में निर्णायक जीत के लिए मैं राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्ष को हार्दिक बधाई देता हूं। चुनाव प्रक्रिया सुचारु रूप से संपन्न हुई, इसके लिए मैं श्रीलंका की जनता को बधाई देता हूं। श्रीलंका में लोकतंत्र की मजबूती और परिपक्वता बहुत गर्व और खुशी का विषय है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) से मुलाकात के बाद कहा कि दोनों के बीच वार्ता फलदायक रही। हमारी सरकार ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति के तहत श्रीलंका के साथ संबंधों को प्राथमिकता देते हैं। हमने निर्णय लिया है कि दोनों देशों के बीच बहुमुखी साझेदारी को मिलकर मजबूत करेंगे। पीएम मोदी ने भारत की ओर से श्रीलंका को कुल 3,230 करोड़ (450 मिलियन डॉलर) की आर्थिक मदद विकास और सुरक्षा के साथ ही सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए दिए जाने की बात कही गई है। इसमें आतंकवाद (Terrorism) से निपटने के लिए उनके साथ 5 करोड़ डॉलर यानि करीब 359 करोड़ रुपये का समझौता भी शामिल है।
पीएम मोदी ने कहा कि यह हमारे लिए सम्मान की बात है कि पदभार संभालने के बाद राष्ट्रपति राजपक्षे (President Gotabaya Rajapaksa) ने अपनी पहली विदेश यात्रा (First Foreign Visit) के लिए भारत को चुना। ये भारत-श्रीलंका की दोस्ती का परिचायक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्थिर श्रीलंका न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे हिंद महासागर क्षेत्र (Indian Ocean Area) के हित में है। भारत-श्रीलंका ने अपने साझा बयान में आतंकवाद की निंदा की। पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत ने सदैव हर रूप में आतंकवाद का विरोध किया है, सीमा पार आतंकवाद सहित अन्य प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कार्रवाई की अपील की।
मोदी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि नई सरकार श्रीलंका में तमिल समुदाय (Tamil Community) की आकांक्षाओं को पूरा करेगी। दोनों देशों की इस साझा प्रेस वार्ता में श्रीलंका के राष्ट्रपति ने बड़ा ऐलान किया है। भारत की जितनी भी नाव/बोट अभी श्रीलंका के कस्टडी में हैं अब श्रीलंका उन सभी को छोड़ देगा। बता दें कि भारत-श्रीलंका के बीच मछुआरों को मुद्दा काफी पुराना है, अक्सर मछुआरे रास्ता भटक कर समुद्री सीमा पार कर देते हैं जिसके कारण काफी परेशानी होती है।
इससे पहले श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक रूप से स्वागत किया गया।