कोरोना महामारी से जो संकट खड़ा हुआ है उसको लेकर कुछ राज्य मोदी सरकार को जिम्मेदार बताने में जोर जोर से हल्ला मचा कर अपनी सियासत चमकाने में लगे है लेकिन अगर उनके राज्य पर नजर डाली जाये तो कोरोना के मामले सबसे अधिक आने के बाद भी वो सिर्फ हाथ पर हाथ धर कर बैठे हुए ही दिख रहे है। आलम ये है कि पंजाब, राजस्थान और झारखंड को दी गई पीएम केयर्स फंड से मिली वेंटिलेटर मशीने धूल फांक रही है तो दूसरे सामान भी खराब हो रहे है।
धूल फांकती मशीनों के चलते कई आम लोगों की जान
कोरोना महामारी की दूसरी लहर जरूर आफत बनकर उभर रही है लेकिन इसके पीछे की वजह को देखा जाये तो कुछ राज्यों की उदासीनता ही है कि आज कोरोना से देश में अफरातफरी मची है। आलम ये है कि झारखंड में केंद्र सरकार की तरफ से पीएम केयर्स फंड के तहत दी गई वेंटिलेटर 60 मशीने चादर से ढ़की रखी थी क्योकि इनका अस्पताल में उपयोग ही नहीं हो पाया। इसी तरह राजस्थान में दी गई 49 मशीन स्टाफ की कमी के चलते अस्पताल में लगी ही नही और उनकी वही पंजाब में तो 250 मशीने सिर्फ रखी रही और इनका कुछ भी उपयोग अभी तक किया ही नही गया। बल्कि ये राज्य सिर्फ सियासत करते हुए केंद्र से मशीने पीपीई किट सहित न जाने कितनी जरूरी सामान का अभाव का रोना ही गाते रहे और तो और राजस्थान में में तो भेजी गई वैक्सीन की चोरी भी हो गई और सरकार सोती रही।
वैक्सीनेशन को लेकर भी चल रहा इनका ड्रामा
इसी तरह वैक्सीनेशन को लेकर भी यही आलम इन राज्यो में देखा जा रहा है। वैक्सीन होते हुए भी वैक्सीन की किल्लत का रोना ये लोग खूब रो रहे है लेकिन जो वैक्सीन इनके पास है उसे यूज न करके बर्बाद कर रहे है जिससे लाखो का नुकसान तो हो ही रहा है साथ में देश की जनता की जान के साथ खिलवाड भी हो रहा है। महाराष्ट्र ऐसे राज्य में आज अस्पतालों में आग लगने की खबर हर एक दो दिन में सुनने में आ रही है लेकिन इसके बाद भी अस्पतालो में कोताही जारी है। छत्तीसगढ़ के अस्पतालो का हाल आये दिन सुर्खिया बन रही है। लेकिन इससे सबक न लेते हुए सिर्फ जनता को ये भरोसा दिया जा रहा है कि यहां सब ऑल इज वैल है।
इन राज्यों को हटा के देखे तो देश में कोरोना महामारी का असर तो है लेकिन उसकी स्पीड धीमी है। ऐसे में इन राज्यों को सियासत छोड़कर देश की जनता को बचाने का काम करना चाहिये जिससे इस आपदा पर काबू पाया जा सके।