देश में बढ़ते कोरोनावायरस (Coronavirus) के मामलों के चलते सरकार लगातार नियमों और रणनतीति में बदलाव कर रही है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने टेस्टिंग के संबंध में नई एडवाइजरी (दिशा-निर्देश) जारी की है. जिसके मुताबिक देशों की यात्रा करने के लिए, भारतीय राज्यों की यात्रा करने के संबंध में प्रवेश के लिए यात्रियों को नकारात्मक टेस्ट होना चाहिए. वहीं दूसरी ओर अगर कोई शख्स जो खुद का टेस्ट कराना चाहते हैं (टेस्टिंग ऑन डिमांड) उनके लिए राज्य सरकारों को नियम तय करने चाहिए.
इसके साथ ही आईसीएमआर ने टेस्टिंग को लेकर जारी की गई नई गाइडलाइंस में कहा है कि टेस्ट की कमी के चलते किसी भी आपातकालीन प्रक्रिया जिसमें प्रसव (डिलिवरी) भी शामिल है, उसमें देरी नहीं होनी चाहिए. हालांकि सैम्पल्स को एक साथ टेस्ट के लिए भेजा जा सकता है. सरकार को इसके लिए सभी व्यवस्था तय करनी चाहिए.
इनकी एक बार से अधिक टेस्टिंग नहीं
दिशा-निर्देशों के अनुसार, सर्जिकल या गैर-सर्जिकल प्रक्रियाओं के तहत आने वाले सभी रोगियों का परीक्षण किया जा सकता है, लेकिन सप्ताह में एक बार से अधिक नहीं. स्ट्रोक, एन्सेफलाइटिस, हेमोप्टाइसिस जैसे रोगियों का डॉक्टर की सलाह के अनुसार ज़रूरी लगने पर टेस्ट किया जा सकता है.
इसके साथ ही गाइडलाइन्स (दिशा-निर्देश) में ये भी कहा गया है कि कंटेन्टमेंट ज़ोन के एंट्री प्वॉइन्टस (प्रवेश बिन्दु) पर लगातार नज़र बनाई जाए साथ ही इन जगहों पर लगातार स्क्रीनिंग होनी चाहिए. यहां एंटीजन टेस्ट को किया जाना चाहिए. आरटी-पीसीआर टेस्ट उस वक्त ही किया जाए जब व्यक्ति एंटीजन टेस्ट में निगेटिव पाए जाने के बाद भी सांस लेने में तक़लीफ या फिर कोई अन्य लक्षण दिखाए.
इन दिशा-निर्देशों में इस बात पर जो़र दिया गया है कि कंटेन्टमेंट ज़ोन में रहने वाले लोगों के लिए 100 फीसदी परीक्षण किया जाना चाहिए. आईसीएमआर ने ये भी कहा है कि इस एडवाइजरी में राज्य के स्वास्थ्य के अधिकारियों के विवेक के आधार पर संशोधन किया जा सकता है.
Originally published: TV9BharatVarsh

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