अनुच्छेद-370 को खत्म करने के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के सरकारी कर्मचारियों से जो वादा किया था उसे दिवाली के तोहफे के रूप में पूरा कर दिया है। सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सरकारी कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग के सभी भत्तों के भुगतान के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह आदेश 31 अक्टूबर, 2019 से अस्तित्व में आएगा यानी अगले महीने से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सरकारी मुलाजिमों को केंद्रीय कर्मचारियों जैसा वेतन भत्ता लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। गृह मंत्रालय की तरफ से इस बारे में संबंधित आदेश जारी कर दिया गया है।
Central government has approved the proposal of payment of all 7th Central Pay Commission allowances to the government employees of Union Territory of Jammu and Kashmir and Union Territory of Ladakh, which shall come into existence from 31st October, 2019.
— ANI (@ANI) October 22, 2019
सरकार ने बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए दोनों राज्यों के कर्मचारियों को यह तोहफा दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी इस आदेश से जम्मू-कश्मीर में कार्यरत 4.5 लाख सरकारी को फायदा होगा। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत सभी भत्तों जैसे चिल्ड्रेन एजुकेशन अलाउंस, हॉस्टनल अलाउंस, ट्रांसपोर्ट अलाउंस, लीव ट्रेवल कंसेशन (LTC), फिक्सड मेडिकल अलाउंस आदि पर अनुमान है कि सालाना खर्च लगभग 4800 करोड़ रुपये आएगा।
गौरतलब है की 08 अगस्त, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में जम्मू कश्मीर और लद्दाख के सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग को लागू करके सभी वित्तीय सुविधाएं दिए जाने का आश्वासन दिया था। पीएम मोदी द्वारा किए गए इसी वादे के मद्देनजर गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख के सभी सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय कर्मियों को मिलने वाले लाभ का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि केंद्रीय कर्मचारियों को एलटीसी, हाउस रेंट अलाउंस, एजुकेशन अलाउंस, हेल्थ स्कीम जैसी अनेक सुविधाएं मिलती हैं लेकिन इसमें से अधिकांश सुविधाएं जम्मू-कश्मीर के कर्मचारियों को नहीं मिलती हैं। सरकार अब इसकी समीक्षा करके उक्ति सारी सुविधाएं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सरकारी कर्मचारियों को भी मुहैया कराएगी।
बता दे की पुरे देश में सातवें वेतन 1 जनवरी, 2016 से ही लागू है लेकिन अनुच्छेद-370 की वज़ह से केंद्र सरकार के फैसले का लाभ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सरकारी कर्मचारियों को नहीं मिलता था।