एक तरफ पीएम मोदी है जो लगातार देश को तेज रफ्तार से दौड़ाने में लगे है जिससे जो विकास के काम 70 सालों में नही हो पाये है वो अब जल्द से जल्द हो जाये। इसके लिये उनकी खुद की चाह भी खूब देखने को मिलती है। वो लगातार दिन रात इसके लिये एक किये हुए है तो देश में एक तबका ऐसा भी है जो इस तेज स्पीड में चल रहे काम पर भारत बंद के जरिये ब्रेक लगाना चाहता है।
भारत बंद के नाम पर भारत के भाग्य के साथ खिलवाड़
कल अगर आप अखबारों में ये बड़े कि भारत बंद की वजह से भारत को इतने करोड़ का नुकसान हुआ। तो इसपर दुखी मत होइयेगा। क्योंकि कुछ अपने ही बस मोदी सरकार के काम से चिढ़ कर देश में हो रहे तेजी से विकास कामों को रोकना चाहते है जिससे मोदी सरकार की बदनामी हो सके और उन्हे सरकार पर हमला करने का मौका। बस इसीलिये वो सड़क पर किसान का चोला पहनकर विवाद खड़ा कर रहे है। वरना आप खुद सोचो क्या किसान देश पर मर मिटने वाले जवानों का वाहन रोक सकता है? जवाब होगा नहीं लेकिन ये तथाकथित किसान रास्ता ही नही रोक रहे बल्कि उन्हे परेशान भी कर रहे है। ठीक इसी तरह मरीजो के वाहन को भी आंदोलनकारियों ने रोका जो ये साफ बताती है कि उन्हे मानवता से भी कोई मतलब नहीं है। एक तस्वीर ऐसी भी आई जब एक महिला तथाकथित किसानों से गुहार लगाती नजर आई कि उसे जाने दिया जाये क्योकि उसे अपने पिता के शोक सभा में जाना है लेकिन महिला के आंसू भी इन कठोर दिल वाले तथाकथित किसानों को नहीं पिघला पाई। ऐसे में जब बैगलूर में भारत बंद असफल दिखने लगा तो ये लोग माहौल खराब करने के लिये हाथापाई तक उतर आये जिसके चलते इन लोगो ने गुंड़ागर्दी दिखाते हुए पुलिस के एक अधिकारी के पैर पर वाहन चढ़ा दिया। इस तरह की घटना से ये साफ नजर आता है कि वो ना केवल भारत का माहौल खराब करना चाहते है बल्कि किसान के नाम पर सियासत भी करने में लगे हुए है।
बिना रुके बिना थके बस भारत के निर्माण में जुटे पीएम मोदी
एक तरफ वो लोग है जो देश की गति पर ब्रेक लगाना चाहते है तो दूसरी तरफ पीएम मोदी और उनके साथी है जो लगातार पिछले 7 सालों से निरंतर भारत के विकास के लिये जुटे हुए है। एक मिनट भी ये लोग बिना रुके बिना थके सिर्फ नये भारत को बनाने में लगे है जिसका जीता जागता उदाहरण अभी ही देखने को मिला है जब पीएम मोदी 65 घंटे में 24 बैठक करके अमेरिका से भारत वापस ही आये थे और आते ही उन्होने पहले रक्षामंत्री गृहमंत्री के साथ बैठक की फिर गुलाब तूफान को लेकर उड़ीसा और आंध्रप्रदेश के सीएम से बात की। इतना नहीं उन्होने रात के वक्त नये संसद भवन के निर्माण की जानकारी हासिल करने के लिये बिना किसी तामझाम के साइट पर भी पहुंच गये जो ये बताता है कि एक इंसान 71 साल की उम्र में देश बनाने में लगा है पर बहुत से लोग उसमें रोड़ा अटकाने में लगे है।
देश को ऐसे अटकाने भटकाने वालो से सावधान रहना चाहिये और ये जरूर सोचना चाहिये कि आज की तारीक में कौन देश को सही दिशा दे रहा है और कौन देश में भ्रम फैलाकर देश का माहौल खराब कर रहा है।