पीएम मोदी को अक्सर उनके विरोधियों द्वारा ‘फासीवादी’ कहा जाता है। मतलब उनपर आरोप लगाया जाता है कि वो देश के संविधान का सम्मान नहीं करते, हालांकि अगर हकीकत में देखा जाये तो पीएम मोदी को बदनाम करने के लिये देश के कुछ लोग और विदेशी मीडिया ऐसा करती है। वरना सच को जाने तो आप खुद समझ सकते है कि वो भारत के संविधान को कितना सम्मान देते है तभी तो गुजरात के सीएम रहते हुए वो पूरे नियम के साथ गुजरात दंगों की जांच में बैठी एसआईटी की पूछताछ में 9 घंटे तक अपना सहयोग देते है। हां ये जरूर है कि मोदी बेइमानी को बिल्कुल पंसद नही करते है और उसके खिलाफ सख्ती के साथ खड़े रहते है फिर वो उनका खास ही क्यो ना हो बस इसी सख्ती को विपक्ष ने भ्रम फैलाकर फासीवादी शब्द का नाम दे दिया है।
9 घंटे तक नरेंद्र मोदी से हुई थी पूछताछ
गुजरात दंगों के मामलों और आरोपों की जाँच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी का गठन किया गया था और मार्च 2010 में राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी से एसआईटी ने घंटों पूछताछ की थी। इस दौरान उस विशेष मामले में एक आरोपित के तौर पर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी एसआईटी कार्यालय गए और 9 घंटे तक बैठे रहे और उनसे पूछे गए हर सवाल का जवाब दिया। उस दौरान उनके साथ कोई भी वकील नहीं था। एसआईटी के दफ्तर में जाते वक्त वह अपने साथ केवल अपनी पानी की बोतल लेकर गए थे। यहाँ तक कि उन्होंने चाय लेने से भी इनकार कर दिया था जो ये बताता है कि पीएम मोदी संविधान को कितना मान देते है। वरना देश ने ये भी देखा है कि चुनाव जीतने के बाद एक दल के लोगों ने कैसे हंगामा आगजनी और दूसरी पार्टी के साथ मारपीट की है और इस मामले पर चल रहे केस में गैरहाजिर रहना वो अपनी शान समझती है।
प्रशासनिक तौर पर सख्त रहते है मोदी
हां ये जरूर है कि पीएम मोदी प्रशासनिक तौर पर हमेशा सख्त रहते है, काम पर योजना पूरी हो आम लोगों तक सुविधा पहुंचे इसके लिये वो हमेशा अपने अधिकारियों की क्लास लगाते रहते है और ऐसा नहीं कि कोताही करने वाले मंत्रियों को छोड़ देते है, उनके खिलाफ भी सख्त एक्शन लेते है। इसी सख्ती को विदेशी मीडिया हमेशा मोदी की तानाशाही बताती है। हालांकि खुद पीएम कई बार बोल चुके है कि देश से बड़ा उनके लिये कोई नहीं है इसलिये वो देश के काम में गतिरोध डालने वालो के लिये बहुत बड़े गतिरोध है। लेकिन मीडिया इसी सख्ती को गलत तरह से दिखाकर उनके खिलाफ साजिश करती रहती है।
मीडिया कितनी भी साजिश कर ले लेकिन देश की जनता ये साफ तौर पर समझ चुकी है कि पीएम मोदी कितने सख्त है और कितने उदार खासकर तब तब आज पीएम से सीधे जनता संपर्क कर पा रहा है और सीधे ही पीएम से मदद भी ले पा रहा है।