धारा 370 खत्म होने के बाद से ही कश्मीर से जो पिछले 2 साल से तस्वीर सामने आ रही है। वो उन लोगों के मुंह पर जोरदार तमाचा है जो इस धारा को हटाने के खिलाफ थे। एक वक्त ऐसा था जब श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने से विवाद हो जाता था। वहीं अब 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस से पहले लाल चौक घंटाघर तिरंगे की रोशनी से नहाए हुए है।
कश्मीर से आई बदलाव की एक और तस्वीर
याद कीजिये उस वक्त को जब कश्मीर के श्रीनगर के लालचौक पर 15 अगस्त और 26 जनवरी को सिर्फ इसलिये कड़ी सुरक्षा कड़ी कर दी जाती थी कि कही तिरंगा लगाने को लेकर घाटी में विवाद ना खड़ा हो जाये। हर तरफ उस वक्त सिर्फ दहशत का माहौल रहता था। लेकिन जब से धारा 370 का खात्मा हुआ है तब से कश्मीर में भी आजादी का जश्न हो या फिर गणतंत्र दिवस की खुशियां दोनो ही दिल खोल के बनाई जाने लगी है। लेकिन इस बार का 15 अगस्त से पहले जिस तरह से लालचौक को तिरंगे की रौशनी में नहा रहा है ये देश के करोड़ो भारतीयों को एक अलग सा सुकून मिला होगा। क्योकि ये तस्वीर साफ बता रही है कि कश्मीर अब पूरी तरह से अमन के रास्ते पर चल रहा है और तिरंगा आज कश्मीरियों के दिल में बस गया है।
सरकार पर भरोसे का है ये विश्वास
आजादी के बाद जिस कश्मीर में हमेशा बम बारूद के धमाको से गूंजा करता था वो एकाएक इतना कैसे बदल गया ये सवाल जरूर लोगों के मन में आता होगा। लोगों के जेहन में आये इस सवाल का बस एक ही जवाब है वो है, आज सरकार के प्रति आम लोगों का भरोसा बढ़ गया है। खासकर पिछले 2 साल से जब से धारा 370 हटी है तब से ही जिस तरह से केंद्र के दिशानिर्देश में कश्मीर में विकास किया जा रहा है। उससे वहां के आम लोगों अच्छी तरह से समझ चुके है कि अगर राज्यो को आगे बढ़ना है तो पुरानी सोच को बदल कर मोदी जी की नई सोच के साथ ही चलना होगा। तभी तेजी से राज्य बदल सकता है और आज ये देखा भी जा रहा है। आज घाटी के आखरी गांव तक सड़क पहुंच चुकी है तो रोजगार के अवसर आज पहले के मुकाबले बहुत ज्यादा आ चुके है। नये एम्स और मेडिकल कॉलेज बन रहे है जो ये विश्वास पैदा कर रहे है कि दिल्ली और दिल की दूरी दोनो खत्म हो चुकी है।
लाल चौक पर तिरंगा के रंग में रौशन ये तस्वीर इसकी शुरूआत है और उन लोगों के मुंह में एक तमाचा जो ये बोलते है कि कश्मीर की आवाम अपने आपको सिर्फ कश्मीरी समझती है। क्योंकि ये साफ हो गया है कि उनके दिल में भी भारत ही बसता है।