• शाहीन बाग पर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 23 मार्च को
• सार्वजनिक सड़क प्रोटेस्ट के लिए नहीं – SC
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर बवाल थमता नजर नहीं आ रहा है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में टकराव के बीच शाहीन बाग में पिछले 74 दिनों से प्रदर्शन जारी है और कालिंदी कुंज सड़क बंद है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट में इस समय शाहीन बाग में प्रदर्शन को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई 23 मार्च तक टाल दी है। अब इस मामले पर सुनवाई होली के बाद 23 मार्च को होगी। बता दें कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकारों ने अपनी रिपोर्ट दर्ज कर दी थी।
‘सार्वजनिक जगह’ प्रदर्शन की जगह नहीं होती: सुप्रीम कोर्ट
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक सड़क प्रदर्शन के लिए नहीं है। अदालत ने टिप्पणी की कि अभी माहौल इस केस की सुनवाई के लिए ठीक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थों से कहा कि हमने आपकी दी रिपोर्ट देखी है। अभी दिल्ली की स्थिति को देखते हुए अदालत ने कहा कि इस मामले की सुनवाई के लिए वातावरण ठीक नहीं है। होली के बाद इसपर सुनवाई होगी तब तक माहौल भी थोड़ा शांत हो जाएगा।
प्रदर्शनकारियों पर टिप्पणी करते हुए जस्टिस कौल ने कहा कि आप ऐसे सड़क पर प्रोटेस्ट नहीं कर सकते। जस्टिस कौल ने कहा कि हमने वार्ताकारों से मध्यस्त करने की अपनी तरफ़ से कोशिश की है। लेकिन ज़रूरी नहीं है कि हर बार समस्या का समाधान मिल जाए।
दिल्ली में हिंसा की घटनाएँ दुर्भाग्यपूर्ण
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में हिंसा की घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण बताया लेकिन उनसे संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह हिंसा पर याचिकाओं पर विचार करके शाहीन बाग प्रदर्शनों के संबंध में दायर की गई याचिकाओं के दायरे में विस्तार नहीं करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 18 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। यह बेहद गंभीर विषय है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘सार्वजनिक जगह’ प्रदर्शन की जगह नहीं होती। पुलिस को कानून के दायरे में रह कर अपना काम करना चाहिए। कभी-कभी पुलिस के सामने परिस्थिति ऐसी आ जाती है कि आउट ऑफ द बॉक्स जा कर काम करना चाहिए।
भड़काऊ टिप्पणी पर पुलिस करें कार्रवाई
जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा कि, ‘जिस पल एक भड़काऊ टिप्पणी की गई, पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए थी। दिल्ली ही नहीं, इस तरह के मामले के लिए कोई भी राज्य हो, पुलिस को कानून के अनुसार काम करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कोई भड़काऊ बयान दे तो पुलिस आदेश मिलने का इंतजार न करे। बल्कि कानून के मुताबिक तुरंत कार्रवाई करे।

IndiaFirst is about protecting the country’s strategic interests and ensuring robust economic growth.