अगर मन में कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो कठिन से कठिन काम भी हो सकता है और मोदी सरकार ये करके दिखाने में लगी है। जिस कश्मीर के बारे में बोला जाता था कि वहां आतंक की दहशत खत्म नही हो सकती वहां महज 8 साल में अमन गुलजार हो चुका है जिसका असर ये है कि आज वहां निवेश बढ़ रहा है तो इंफ्रास्ट्रक्चर में तेज विकास हो रहा है और ये सब इसलिये हो रहा है क्योंकि वहां धारा 370 को जो मोदी सरकार ने उखाड़ फेका।
धारा370 हटने के बाद 34 लोगों ने खरीदी संपत्ति
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताया कि संविधान के अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में बाहर से कुल 34 लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश में संपत्तियां खरीदी हैं। ये संपत्तियां जम्मू, रियासी, उधमपुर और गांदरबल जिलों में ली गई हैं। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भूमि और संपत्तियों की खरीद के कानूनों में बदलाव किया और उसके बाद नए भूमि खरीद कानून बनाए गए हैं जिसके तहत ये संपत्ति ली गई है। इतना ही नहीं धारा 370 हटने के बाद आज 47 हजार करोड़ के निवेश के लिये 4 हजार से अधिक प्रस्ताव आये हुए है जो ये बताने के लिए काफी है कि कश्मीर की सूरत अब बदल चुकी है। इसके साथ वहां आतंक पर लगाम लगने का असर ये देखा गया कि आज साल 2022 के शुरूआती 3 महीने में करीब 3 लाख पर्यटक कश्मीर की फिजाओं में घूमने का लुफ्त उठा चुके है जिससे वहां के लोगों का ना केवल रोजगार बढ़ा है बल्कि एक आत्म विश्वास भी बढ़ है।
इंफ्रास्ट्रक्चर में हो रहा आभूतपूर्व परिवर्तन
दूसरी तरफ कश्मीर में इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर भी बड़े बड़े काम किये जा रहे है फिर वो सड़क निर्माण हो या रेलवे का जाल बिछाने का काम हो। इसी क्रम में भारतीय रेलवे ने जम्मू और कश्मीर में बडगाम-बारामूला सेक्शन के बीच पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन का सफल परीक्षण किया है। जम्मू और कश्मीर के यातायात विकास और भारतीय रेलवे नेटवर्क के साथ कश्मीर घाटी में शामिल करने के लिए ये रेलवे योजना बनाई जिसमें 326 किमी को कवर करने की कोशिश की गई है। कहा जा रहा है कि भारतीय उपमहाद्वीप पर शुरू की गई सबसे कठिन नई रेलवे लाइन परियोजना है जो बहुत ठंडे मौसम में हिमालय के भूभाग से होकर गुजरती है। आसपास बड़े और ठंडे पहाड़ हैं। हालांकि ये योजना स्थानीय आबादी और पूरे देश के लिए बहुत किसी बड़े तोहफे से कम नहीं है। इसी तरह आज घाटी में सड़क निर्माण का काम गांव गांव से शहर शहर तक चल रहा है।
अब आप खुद बताइये क्या ये सब धारा 370 हटे बिना हो सकता था। आज जो लोग फिर से घाटी में धारा 370 लगाने की बात करते है क्या वो सही मायने में घाटी के विकास में ब्रेक नहीं लगाना चाहते इसका जवाब तो अब आपको ही इन्हे चुनाव के दौरान देना होगा।