नये वित्त वर्ष शुरू होते ही आम लोगो सोच रहे थे कि उनकी बचत कम हो जायेगी क्योकि पहले सरकार ने छोटी बचत योजना पर मिलने वाला ब्याज कम कर दिया था लेकिन अब उनके लिए राहत की खबर है क्योकि छोटी बचत योजनाओं के ब्याज पर चलाई गई कैंची के फैसले को सरकार ने वापस ले लिया है।
छोटी बचत की ब्याज दर में नहीं हुआ बदलाव
एक दिन पहले 31 मार्च को सरकार ने नए वित्त वर्ष 2021-22 की अप्रैल-जून तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं के ब्याज में 1.1 फीसदी तक की कटौती का ऐलान किया था। नई दरें 1 अप्रैल, 2021 यानी आज से ही लागू होने वाली थीं। लेकिन अब इस प्रस्ताव को वापस ले लिया गया है, जिसकी जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट के जरिए दी है। अब डाकघर की स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स जैसे पीपीएफ, आरडी, सुकन्या समृद्धि, सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम्स और एनएससी में जमा धन पर आपको अप्रैल-जून के दौरान भी उसी दर से ब्याज मिलेगा, जो दर जनवरी-मार्च 2021 तिमाही के लिए थी।
Interest rates of small savings schemes of GoI shall continue to be at the rates which existed in the last quarter of 2020-2021, ie, rates that prevailed as of March 2021.
Orders issued by oversight shall be withdrawn. @FinMinIndia @PIB_India— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) April 1, 2021
क्या हैं फैसला वापस लेने के पीछे संभावित कारण
जानकारो की माने तो सरकार ने ये फैसला इस लिये वापस लिया है जिससे आम लोगों की रुचि छोटी बचत स्कीमों पर बनी रहे। साथ ही लोग इस तरफ अपना पैसा लगा सके। आरबीआई की माने तो इससे देश में तरलता आयेगी जो देश की आर्थिक स्थिति को भी बेहतर होगी। तो आम लोगों की बचत भी बचत होगी। इस कारण से सरकार ने अपने फैसले को बदलकर देशवासियों को एक बड़ा फायदा पहुंचाया। इसी तरह आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव न करने की बात करके मंहगाई के इस दौर में लोगों को राहत दी है। जिसका नतीजा है कि विश्व की आर्थिक संगठन भारत की आर्थिक स्थिति को लेकर बेहतर रहने की भविष्यवाणी कर रहे है।
कोरोना काल हो या उसके बाद का वक्त सरकार लगातार लोगों की आर्थिक स्थिति बेहतर हो इसका ध्यान रख रही है जिस वजह से अब बड़ी राहत लोगों को मिली है।