लालकिले की प्रचीर से पीएम मोदी ने कोरोना वैक्सीन को लेकर ये दावा किया था कि जल्द ही भारत इसमे सफलता पा लेगा और इसी क्रम में अब देश के स्वास्थ मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने एक गुडन्यूज दी है। उनका कहना है, कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो भारत इस साल के आखिर तक कोरोना वायरस की वैक्सीन हासिल कर लेगा।
साल के अंत तक तैयार हो जाएगी स्वदेशी वैक्सीन
जिस तरह से युध्द स्तर पर कोरोना के खात्मे के लिए वैक्सीन की तैयारी की जा रही और इसके परिणाम भी अभी तक काफी अच्छे आये है। दो चरण का परिक्षण भी सफल हो चुका है। ऐसे में मान कर वैज्ञानिक चल रहे है, कि वैक्सीन तीसरे चरण में भी खरी उतरेगी। लेकिन इस बीच स्वास्थ मंत्री ने भी दावा किया है, कि देश में बनीं और ट्रायल से गुजर रहीं दोनों कोरोना वैक्सीन 2020 के अंत तक उपलब्ध हो सकती हैं। सरकार की माने तो भारत बायोटेक की बनाई वैक्सीन साल के आखिर तक उपलब्ध हो सकती है। उन्होंने कहा कि हम 2021 की पहली तिमाही में वैक्सीन इस्तेमाल करने के लिए तैयार हो सकता है। हर्षवर्धन ने कहा कि सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया पहले से ही ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन का उत्पादन कर रहा है ताकि बाजार तक उसके पहुंचने का समय कम किया जा सके। उन्होंने बताया कि बाकी दोनों टीकों को बनाने और बाजार में उतारने में कम से कम एक महीने का और वक्त लग सकता है। उन्होंने साल के आखिर तक ये टीके उपलब्ध होने की उम्मीद जताई है।
कहां तक पहुंचा है वैक्सीन का परीक्षण
जो कंपनिया भारत में कोरोना वैक्सीन का निर्माण करने में जुटी है, वो क्या बता रही है। जरा उसपर भी ध्यान डालते है। ऑक्सफर्ड वैक्सीन सीरम इंस्टिट्यूट ने कहा है, कि उसने भारत में ह्यूमन ट्रायल शुरू कर दिया है। अस्त्राजेनेका की यह वैक्सीन साल के आखिर तक उपलब्ध होने की उम्मीद है। हैदराबाद की भारत बायोटेक की इस वैक्सीन का ट्रायल भी दो हफ्ते पहले शुरू हुआ है। यह वैक्सीन भी साल के अंत तक रेडी हो सकती है। इसी तरह जायडस कैडिला ने भी इंसानों पर वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल शुरू कर दिया है। कुछ महीनों में ट्रायल पूरा हो सकता है।
वैक्सीन को लेकर सरकार का प्लान?
स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार, वैक्सीन हासिल करने के लिए मंत्रालय प्लान बना रहा है। हर्षवर्धन ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता है। वह दुनिया की वैक्सीन की जरूरतों का दो-तिहाई हिस्सा सप्लाई करता है। उन्होंने कहा कि ICMR और भारत बायोटेक ने एमओयू साइन किया है, कि अगर वैक्सीन सफल होती है, तो भारत सरकार को सस्ती दरों पर वैक्सीन मुहैया कराने में प्राथमिकता दी जाएगी। सीरम इंस्टिट्यूट के साथ भी ऐसे ही समझौते की कोशिशें की जा रही हैं।
किसको सबसे पहले टीका लगेगा?
वैक्सीन सबसे पहले किन लोगों के लिए उपलब्ध होगी, इसका खाका पहले से सरकार ने खीच लिया है। इस बाबत मंत्री हषवर्धन ने फिर साफ किया, कि वैक्सीन उपलब्ध होने पर सबसे पहले हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को मिलेगी। इसके बाद बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों वाले मरीजों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि फिर उपलब्ध डोज के आधार पर सबको टीका लगाने की कवायद शुरू होगी।
मतलब साफ है, कि एक तरफ भारत में सावधानियों के चलते कोरोना धीरे धीरे सही पर कम हो रहा है तो दूसरी तरफ वैक्सीन आने का इंतजार भी अब ज्यादा वक्त का नही रहा है। ऐसे में देश इस महामारी को लगता यही है कि साल 2020 में ही मात दे सकेगा और साल 2021 में एक नये भारत स्वस्थ भारत के साथ कदम रखेगा।