विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कश्मीर मुद्दे पर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) भारत का हिस्सा है और उम्मीद करते हैं कि एक दिन पीओके पर भारत का नियंत्रण होगा।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों के पूरा होने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, आतंकवाद एकमात्र ऐसा मुद्दा है जिस पर भारत पाकिस्तान के साथ चर्चा करने को तैयार है, और विश्व समुदाय समझता है कि जम्मू-कश्मीर में किए गए बदलाव भारत का एक आंतरिक मामला है और सीमा पार आतंकवाद जैसे मुद्दों से निपटने के उद्देश्य से किया गया है। विदेश मंत्री ने पाकिस्तान को साफ कर दिया कि मुद्दा अनुच्छेद 370 का नहीं है बल्कि मुद्दा सीमा पार आतंकवाद का है।
उन्होंने न्यूयॉर्क में आगामी संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान के बीच बैठकों से इनकार किया।
#WATCH: External Affairs Minister Dr Subrahmanyam Jaishankar says, "Our position on PoK (Pakistan Occupied Kashmir) has always been and will always be very clear. PoK is part of India and we expect one day that we will have the physical jurisdiction over it." pic.twitter.com/XpK0aPspmE
— ANI (@ANI) September 17, 2019
जयशंकर ने कहा, “पीओके पर हमारी स्थिति हमेशा स्पष्ट रही है, और हमेशा स्पष्ट रहेगी। पीओके भारत का हिस्सा है और हम एक दिन उम्मीद करते हैं कि इस पर हमारा अधिकार क्षेत्र होगा।” गौरतलब है कि सरकार का कहना रहा है कि पाकिस्तान से अब बातचीत पीओके पर होगी और कश्मीर पर नहीं होगी। ऐसा बयान उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह आदि भी पहले दे चुके हैं। कुछ देशों एवं मानवाधिकार संगठनों की ओर से कश्मीर की स्थिति पर चिंता व्यक्त करने के बारे में एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोग समझते हैं कि अनुच्छेद 370 को समाप्त करने का भारत का कारण क्या था।
जयशंकर ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के साथ दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के विदेश मंत्रियों की न्यूयॉर्क में बैठक की संभावना से इनकार किया। जयशंकर ने कहा कि इमरान खान ने हाल ही में टिप्पणी की थी कि भारत के साथ बात करने का कोई मतलब नहीं है। जयशंकर ने बताया की, “पाकिस्तान के साथ केवल बात करना समस्या का हल नहीं है। यह आतंकवाद पर कुछ नहीं कर रहा है। सिर्फ उनके अच्छे शब्द वास्तविक समस्या का जवाब नहीं हैं, उसके निराकरण के लिए पाकिस्तान ने कभी कुछ ठोस कदम नहीं उठाया है।”
जयशंकर अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों द्वारा कश्मीर मुद्दे को उठाने और कथित मानवाधिकार उल्लंघनों को भी खारिज कर रहे थे, उनका कहना था कि इस तरह के मामलों को अक्सर उनके घटक या अन्य लोगों की पैरवी के कारण उनके द्वारा उठाया जाता था। उन्होंने सवाल किया कि क्या अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य सकारात्मक कार्रवाई, लैंगिक न्याय और कानूनों के सार्वभौमिक प्रयोग जैसे मामलों के बारे में अनभिज्ञ होंगे, जो सरकार कश्मीर में अपने कार्यों के साथ हासिल करने की उम्मीद करती है।
अपने 75 मिनट के संवाददाता सम्मेलन में जयशंकर ने भारत के दूसरे देशों के साथ संबंध, अमेरिका के साथ रणनीतिक संबंधों और चीन के साथ रिश्तों और वैश्विक मंच पर भारत की हैसियत समेत विभिन्न मुद्दों पर बात रखी।